बिना हेड मास्टर चल रहे MBMC के स्कूल

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  • मराठी 5, हिंदी 2 व गुजराती माध्यम के 1 स्कूल में मुख्याध्यापक नहीं
  • शिक्षा विभाग सभापति का पद भी रिक्त

अरुण कुमार गुप्ता

भायंदर. मीरा-भायंदर मनपा वैसे तो भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हमेशा ही चर्चा में रहती है, लेकिन इस बार भ्रष्टाचार नहीं, शिक्षा क्षेत्र में लापरवाही का मामला सामने आया हैं. मनपा द्वारा संचालित कई स्कूल बिना हेडमास्टर के चल रहे हैं. शिक्षा विभाग द्वारा पिछले एक साल से हिंदी तथा मराठी स्कूलों में हेड मास्टर की नियुक्तियां नहीं की गयी हैं. यहां मजेदार बात यह भी है कि ज्योत्सना हंसनाले के महापौर बनने के बाद मनपा शिक्षण विभाग के सभापति का भी पद करीब 5 माह से ज्यादा समय से रिक्त है. इस संबंध में महाराष्ट्र राज्य शिक्षण विभाग संगठन समन्वय समिति ने मनपा आयुक्त के अलावा ठाणे जिले के पालक मंत्री, राज्य के मुख्य सचिव, विभागीय शिक्षा उपसंचालक के अलावा अन्य संबंधित विभागों को पत्र लिखा लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंगी.

1500 से ज्यादा विद्यार्थी

मनपा द्वारा संचालित हिंदी स्कूल नंबर 18 व 30 भायंदर (प.),नवघर रोड पर 29 नंबर, 33 नंबर मुर्धा गांव तथा 36 नंबर स्कूल बंदरवाड़ी में स्थित है. इन स्कूलों में 1500 से ज्यादा विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा विद्यार्थी 18 व 30 नंबर में हैं. यहां करीब 1300 से ज्यादा बच्चे हैं.नियमानुसार सबसे वरिष्ठ शिक्षक या शिक्षिका को पदोन्नति देकर नियुक्त किया जाता है, परंतु यहां 2019 से स्कूल बिना मुख्यध्यापक के चल रहे हैं. नियुक्ति ना होने से टीचर्स को हेडमास्टर व बच्चों को पढ़ाने की जवाबदारी भी निभानी पड़ रही है.इससे विद्यार्थियों का भी नुकसान हो रहा है.पदोन्नति न होने से इसके पात्र शिक्षक सेवा निवृत्त हो गए हैं, तो कुछ रिटायरमेंट के करीब हैं.

 21 पद किए गए थे मंजूर

समिति के सह सचिव राहुल परदेशी ने बताया कि 2018-19 की संच मान्यतानुसार मुख्याध्यापक के कुल 21 पद मंजूर किए गए हैं लेकिन इसमें 8 पद रिक्त हैं. इसमें मराठी व गुजरती स्कूल भी हैं. हिंदी माध्यम में दो पद,मराठी में पांच पद व गुजराती में एक ऐसे कुल 8 पद रिक्त हैं.

शिक्षकों पर दोहरी जिम्मेदारी

परदेशी ने कहा कि पद्दोन्नति में देरी के चलते इसके लिए पात्र शिक्षक मुख्याध्यापक की वेतन श्रेणी से वंचित हैं. स्कूल नंबर 36 में विजय श्याम मिश्रा ने जून 2017 से जून 2020 तक तो स्कूल नंबर 6 में आंजेलीना हेड मास्टर की जवाबदारी निभा रही थींं और 30 अप्रैल 2020 को यह दोनों सेवानिवृत्त हो गए. वहीं स्कूल नंबर 18 में उषा कनोजिया अगस्त 2019 से मुख्याध्यापक की जवाबदारी संभाल रही हैं, लेकिन उनकी आधिकारिक नियुक्ति अब तक नहीं हुई जबकि वे भी 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाली हैं.

बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़

सामाजिक संगठन युथ सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक जैन ने कहा कि वे भी इस संबंध में तत्कालीन आयुक्त चंद्रकांत डांगे को पत्र देकर तत्काल मुख्याध्यापक की नियुक्ति की मांग कर चुके हैं. आश्चर्य की बात है कि 1500 से ज्यादा विद्यार्थी होने के बावजूद पिछले एक साल से हेड मास्टर नहीं हैं. सीनियर शिक्षक होने के बाद नियुक्ति ना होना आश्चर्यजनक है. यह तो सीधे-सीधे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.