no Water supply
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  • 'राजनीति का पानी' पिला रहे नेता
  • क्षेत्र में टैंकर लाबी सक्रिय, एक दूसरे पर दोषारोपण

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अनिल चौहान

भायंदर. मीरा-भायंदर की चर्चा हो और यहां की पानी समस्या की बात ना उठे, ऐसा नहीं हो सकता. समय-समय पर क्षेत्र के नेता लोगों को ‘राजनीति का पानी’ पिलाते रहे हैं और वर्तमान में भी वही कर रहे हैं.  लोग टैंकर के पानी से अपना काम चला रहे हैं और नेता हैं कि एक दूसरे पर दोषारोपण करने में मशगूल हैं.  

एमआईडीसी कोटे के अनुसार पानी मिलने की जल्द उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है,क्योंकि ज्यादा पानी उठाने में तकनीकी कमी को अभी तक दूर ही नहीं किया जा सका है.जब तक ऐसा नहीं होता है, तब तक लोगों को कागजों पर ही पानी पीते रहना पड़ेगा.

अघोषित पानी कटौती का खुलासा 

मीरा-भायंदर में पानी की किल्लत मार्च से जारी है. नवभारत ने अघोषित पानी कटौती का खुलासा किया था. उसके बाद जनप्रतिनिधि सक्रिय हो गए. बाद में उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने साफ किया पिछली सरकार ने 25 एमएलडी पानी वर्षा काल के लिए अस्थाई रूप से मंजूर किया था, जिसे स्वभाविक रूप से बंद कर दिया गया है.देसाई के साथ बैठक में आश्चर्यजनक रूप से यह भी खुलासा हुआ कि मीरा-भायंदर को एमआईडीसी से 135 एमएलडी पानी कोटा सिंचाई विभाग ने मंजूर कर रखा है, जबकि 125 एमएलडी पानी मंजूर होने की बात जल विभाग और सत्तापक्ष कहता आ रहा था. कांग्रेस गुट नेता जुबेर इनामदार ने आरोप लगाया है कि 75 एमएलडी पानी लाने का झूठा प्रचार कर भाजपा ने लोगों से वोट लिया.पाईपलाइन डालने सहित वितरण व्यवस्था मजबूत करने के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है.

115 MLD पानी मंजूर, मिल रहा 100 MLD

महापौर को दिये उत्तर में एमआईडीसी ने कहा था कि 115 एमएलडी पानी मंजूर हैं. मार्च के बाद से सिर्फ 90 एमएलडी पानी मिल रहा था. महापौर ज्योत्स्ना हसनाले ने कहा कि अभी भी 100 एमएलडी के आस-पास ही पानी मिल रहा है. हालांकि मार्च से पहले जब अस्थाई पानी बंद नहीं हुआ था, तब 115 एमएलडी तक पानी आया था. ऐसा दावा जल विभाग ने किया था.

25 एमएलडी पानी बंद होने से संकट गहराया

25 एमएलडी पानी बंद होने के बाद से जल संकट गहरा गया है. लोग टैंकर के पानी पर निर्भर हैं. टैंकर लाबी सक्रिय है और लोगों को लूट रही है. देसाई के साथ बैठक के बाद शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने कहा था कि उनकी मांग पर मंजूर किया गया नवी मुंबई का 20 एमएलडी और पहले से मंजूर 135 एमएलडी मिलाकर शहर को एमआईडीसी से कुल 155 एमएलडी पानी मिल सकेगा, लेकिन यह तभी संभव होगा,जब कापुरबावड़ी और साकेत से पानी उठाने में कमी को प्रशासन दूर करेगा. उससे पहले सिर्फ कागज पर ही पानी नसीब होगा.तकनीकी कमी दूर कर पानी लाने का काम सत्तापक्ष और प्रशासन का है.

एक और बैठक के बाद मिलेगा पानी

 सिंचाई विभाग और एमआईडीसी अधिकारियों के साथ मंगलवार को हमारी बैठक हुई, जिसमें हमने तकनीकी कमी दूर करने से संबंधित कुछ निर्देश दिए हैं. संबंधित अधिकारियों के साथ हमारी एक और बैठक होने वाली है.उसके बाद ज्यादा पानी मिल सकेगा. -डॉ. विजय राठौड़, मनपा कमिश्नर

‘उधर जलापूर्ति अभियंता सुरेश वाकोडे ने बताया कि बैठक टेक्निकल कोर्डिनेशन को लेकर थी.’