नवभारत Vibes ‘सीरिज़ ऑफ़ वेबिनार्स’ कार्यक्रम के में वाघण्णा क्लीनिक के संस्थापक डॉ. सूर्यकिरण वाघण्णा मौजूद रहने वाले है।
मुंबई.दुनिया इस समय कोरोनावायरस से जंग लड़ रही है। कोरोना के चलते कई लोगों भी जान भी जा रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में मेडिकल क्षेत्र में किस तरह के बदल हो सकते है। इस बारे में जानने के लिए नवभारत ने नवभारत Vibes ‘सीरिज़ ऑफ़ वेबिनार्स’ कार्यक्रम के में वाघण्णा क्लीनिक के संस्थापक डॉ. सूर्यकिरण वाघण्णा मौजूद रहने वाले है। डॉ. सूर्यकिरण वाघण्णा आज शाम 5 बजे नवभारत के फेसबुक पेज ( https://www.facebook.com/enavabharat) पर लाइव रहने वाले है। वह आज “कोविड-19 : चिकित्सीय चुनौतियाँ और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का भविष्य” इस विषय चर्चा करेंगे।तो आइये जानते हैं डॉ. सूर्यकिरण वाघण्णा के बारे में कुछ खास बाते।
डॉ.सूर्यकिरण वाघण्णा गंगाल अली, मुंबई में एक विश्वसनीय होम्योपैथी चिकित्सक हैं। वाघण्णा वैद्यकीय सेवा प्रा.लि.उत्कृष्ट रोगी देखभाल प्रदान करने के लिए जाना जाता है। उनका क्लिनिक ठाणे पश्चिम में शहर में एक प्रमुख इलाके में स्थित है। वाघण्णा वैद्यकीय सेवा प्रा.लि.की जलगाव, पुणे और ठाणे में भी शाखा है। डॉ. सूर्यकिरण वाघण्णा ने वर्ष 1992 में होम्योपैथी की शिक्षा पूरी की और उन्होंने अपने पिता के साथ जुड़ने का फैसला किया। उस समय देश में पोलियो के कई मामले थे, लेकिन पोलियो की बीमारी का सफाया करने की सरकार ने एक पहल शुरू की। जिसके कारण पोलियो के मामले कम होने लगे।
उस समय डॉ.सूर्यकिरण वाघण्णा के ध्यान में आया कि एक तरफ पोलियो के मामलों की संख्या कम हो रही हैं, लेकिन दूसरी ओर बच्चों में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कुछ सबसे सामान्य मुद्दों जैसे सेरेब्रल पाल्सी, हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर, ऑटिज्म, डाउन सिंड्रोम, माइग्रेन, आदि पर अध्ययन करना शुरू किया।
अपने अध्ययन के दौरान, वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि आहार में परिवर्तन के कारण सब्जियों और फलों पर लगाए जाने वाले संरक्षक, रंग, गंध, योजक, सार, कीटनाशक मां के गर्भ में बच्चे को प्रभावित करते हैं। जब बच्चा पैदा होता है, तो ये कीटनाशक मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करते हैं और इन मुद्दों से बचने के लिए, एक विशेष आहार डिजाइन किया गया था।
इसके बाद उन्होंने आहार के अलावा, बिना किसी दुष्प्रभाव के विशेष आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं पर शोध किया और एक वैकल्पिक फिजियोथेरेपी डिजाइन किया। जिसमे हजारों न्यूरोलॉजिकल विकार रोगियों पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।डॉ.सूर्यकिरण वाघण्णा ने अब तक कई और न्यूरोलॉजिकल विकार रोगियों पर उपयोग कर रहे हैं। वही, उनका इलाज भी कर रहे है। उनकी इस सफलता में उनके सहयोगियों के समर्थन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
तो आज शाम 5 बजे नवभारत Vibes ‘सीरीज ऑफ़ वेबिनार्स’ कार्यक्रम में मिलिए, डॉ.सूर्यकिरण वाघण्णा से। इसके साथ ही वे हमारे नवभारत के फेसबुक पेज( https://www.facebook.com/enavabharat) पर भी हमसे रूबरू होंगे।