कोर्ट कचहरी से नहीं छूट रहा मेट्रो का पीछा, HC में  डाली गई याचिका

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मुंबई. मुंबई  मेट्रो का कोर्ट कचहरी से पीछा नहीं छूट रहा है. मेट्रो की शुरुआत करने से अब तक मेट्रो को लेकर सारी कवायद कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है. 5 साल तक मेट्रो-3 का मामला कोर्ट में चलने के कारण पहले ही बहुत विलंब हो चुका है. कोर्ट का फैसला आया तो कारशेड को लेकर एक वर्ष तक उलझा रहा. अब भी यह मामला पूरी तरह से सुलझा नहीं है कि अब मेट्रो लाइन-4 को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है. 

राज्य सरकार ने कुलाब-बांद्रा-सीप्ज मेट्रो-3 और अंधेरी के समर्थ नगर से विक्रोली तक मेट्रो लाइन-6 का कारशेड कांजूरमार्ग में बनाए जाने का निर्णय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लिया है. मेट्रो-3 और मेट्रो-6 का कारशेड एक जगह बनने वाला है. वडाला-  कासारवडवली तक निर्माणाधीन मेट्रो- 4 का कारशेड भी कांजूरमार्ग में बनाए जाने की याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि ठाणे के कासारवडवली से कांजूरमार्ग तक लाकर वहां से मेट्रो- 3 और -6 से जोड़ने पर सरकार का 8 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी. इससे 15 किमी लंबा मार्ग बनाने की जरुरण भी नहीं होगी. याचिका में दावा किया गया है कि मेट्रो-4 को भूमिगत करने से कृषि की भूमि को भी बचाया जा सकेगा. 

पूरा मार्ग एलीवेटेड रहेगा

मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) मेट्रो लाइन-4 जिसकी लंबाई 32.32 किमी है. 15 हजार करोड़ की लागत से निर्माण कार्य किया जा रहा है. वडाला पूर्व से शुरु होकर यह मार्ग वाया घाटकोपर से ठाणे के कासारवडवली से आगे गायमुख तक जाने वाला है. इस मार्ग पर 32 स्टेशन और 2 विस्तारित स्टेशन को मिला कर 34 स्टेशन बनने वाले हैं.  इस मार्ग को बाद में सीएसएमटी तक बढ़ाया जाने वाला है. पूरा मार्ग एलीवेटेड रहेगा लेकिन वडाला से  सीएसएमटी तक भूमिगत मार्ग बनाया जाने का प्रस्ताव है. ऐसा इसलिए कि इस मार्ग के बीच में पहले ही फ्री वे बना है और शिवड़ी में कोस्टल रोड़ को जोड़ने के लिए एलीवेटेड रोड़ बनाया जा रहा है. मार्ग बन जाने से ठाणे से मुंबई की यात्रा आसान हो जाएगी. 

पर्यावरण रक्षक कर रहे मेट्रो-4 का विरोध 

ठाणे में पर्यावरण रक्षक मेट्रो- 4 का विरोध कर रहे हैं. इस मार्ग पर 3000 पेडों को काटना पड़ेगा. विरोध के बावजूद. एमएमआरडीए ने परियोजना को जारी रखा है. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका दायर करने वाले रोहित जोशी  का कहना है कि कोर्ट ने याचिका स्वीकार की तो ठाणे निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी. भूमिगत मार्ग बनाने से 3000 पेड़ काटने से बच जाएंगे. मेट्रो-4 कई छोटी सड़कों से जाने वाला है जिससे ट्रैफिक की बड़ी समस्या उत्पन्न होने वाली है. भूमिगत करने से इन समस्याओं का समाधान तो होगा ही किसानों की जमीन भी बच जाएगी. 

कारशेड बनाने का विरोध

मेट्रो-4 के लिए ठाणे के मोगरपाडा में 35.50 हेक्टेयर जमीन पर कारशेड बनाया जाना है. जहां स्टेशन बनाया जाना है वह खाड़ी की दलदली जमीन है. सैकड़ों किसान उस जमीन पर खेती करते हैं.  कारशेड बनाने का विरोध किया जा रहा है. जमीन गई तो उनकी रोजी रोटी कैसे चलेगी. जोशी ने कहा कि मेट्रो-4 को अंडर ग्राउंड करते हुए कांजूरमार्ग तक लाएं और आगे मेट्रो-3 और 6 से जोड़ दें. मेट्रो- 6 जिस मार्ग से गुजर रहा है वह वडाला-कासारवडवली मार्ग को विभाजित करता है. वहां से वडाला की तरफ मोड़ा जा सकता है. इससे सरकार का 7 से 8 हजार करोड़ रुपये की बचत भी होगी. कोर्ट कचहरी के चक्कर में फंसी मेट्रो का इस मामले में हाईकोर्ट का क्या रुख रहता है आने वाले समय में पता चलेगा.