गांव से लौटने लगे हैं प्रवासी, उत्तर भारत से आने वाली ट्रेनों में बढ़ी भीड़

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    मुंबई. मुंबई (Mumbai) और उपनगरों में  कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) शांत होने की तरफ बढ़ रही है। आने वाले दिनों में लॉकडाउन (Lockdown) में मिलने वाली कुछ छूट को देखते हुए उत्तर भारत की ओर प्रवासियों का पलायन जहां कम हो रहा है, वहीं वापसी की ट्रेनों में अब यात्री (Passenger) बढ़ गए हैं। अप्रैल माह में अचानक कोरोना संक्रमण तेज होने के बाद तेजी से लोगों का पलायन अपने गांव की तरफ होने लगा।  मुंबई में सख्त लॉकडाउन लगने पर यूपी (UP), बिहार (Bhihar) जाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी परंतु अब प्रवासियों की वापसी होने लगी है। 

    रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इस समय यूपी, बिहार जाने वाली रेगुलर स्पेशल ट्रेनों में भीड़ कम हो गई है, जबकि अप्रैल, मई में जो ट्रेनें खाली वापस आ रही थी, उनमें बुकिंग बढ़ गई है। 

    ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट बढ़ी

    बताया गया है कि पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत की तरफ से आने वाली ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है। गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज से मुंबई आने वाली ट्रेनों की ऑक्युपेन्सी फुल हो गई है। यहां तक कि कई ट्रेनों में 100 के ऊपर वेटिंग लिस्ट पहुंच गई है। बिहार की तरफ से आने वाली गाड़ियों में भी ऑक्युपेन्सी बढ़ रही है। पटना,जया नगर इन क्षेत्रों से आने वाली गाड़ियों की ऑक्युपेन्सी जहां पिछले माह मात्र 35 से 70 प्रतिशत ही थी,वहीं अब 75 से 95 प्रतिशत हो गई है। 

    कामकाजी लोगों की वापसी

    मुंबई और उपनगरों में लाखों की संख्या में उत्तर भारत का कामकाजी वर्ग रहता है। अपने परिवार के साथ रेगुलर रह कर कामकाज करने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रवासियों की संख्या काफी है। ऐसे में अलग अलग कारणों से गांव गए लोग अब मुंबई के सुधरते हालात को देखते हुए वापसी कर रहे हैं। इस तरह पूर्वी यूपी से आने वाली रेगुलर ट्रेनों में अब भीड़ शुरू हो गई है। बताया गया है कि 15 जून के बाद तक वापसी की ज्यादातर ट्रेनें फुल हैं। अपने परिवार के साथ जौनपुर से  मुंबई आए अखिलेश विश्वकर्मा ने कहा कि वे वर्षों से कल्याण में अपनी फर्नीचर की दुकान चलाते हैं,अब दुकानें खुलने की संभावना है, तो वापस आए हैं। वाराणसी के रविन्द्र सिंह जो निजी ड्राइवर हैं, उन्होंने बताया कि मुंबई के अलावा काम धंधे का अच्छा विकल्प कहीं नहीं है। इसलिए वापस आना जरूरी है। 

    कामकाज तो मुंबई में ही है

    दो महीने तक प्रतापगढ़ स्थित अपने गांव में रह कर वापसी कर रहे शुभम मिश्रा ने कहा कि यूपी में भी भले कोरोना कम होने लगा है,परंतु कामकाज तो मुंबई में ही है। अब मुंबई में स्थिति सामान्य होने वाली है, तो परदेशी लोग मुंबई लौटना चाह रहे हैं। लॉकडाउन में मुंबई से जौनपुर स्थित अपने गांव गए रिक्शा ड्राइवर राम दरस मिश्र ने कहा कि लोग मुंबई नहीं लौटेंगे तो गांव में घर परिवार का भरणपोषण मुश्किल ही है।

    आसानी से टिकट नहीं

    बिहार के पटना, मुज्जफरनगर, यूपी के गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी की तरफ से आने वाली गाड़ियों में अब आसानी  टिकट नहीं मिल रहा है। स्लीपर के अलावा सेकेंड सिटिंग में भी वेटिंग लिस्ट बढ़ गई है।