मीरा-भायंदर को कागजों पर पानी !

  • तकनीकी कमी दूर किये बिना नही मिलेगा बढ़ा पानी

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भायंदर. मीरा-भायंदर के लिए अतिरिक्त 55 एमएलडी पानी लाने के नाम पर हो रही श्रेय की राजनीति पर शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने  कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि साकेत व कापुरबावड़ी के पास से एमआईडीसी की पाइप लाइन से बढ़ा पानी उठाने में तकनीकी कमी को जब तक दूर नहीं किया जाता, तब तक मंजूर अतिरिक्त पानी सिर्फ कागजों पर ही मिलेगा. पानी को लेकर सत्तापक्ष सहित बाकी दलों के लोग श्रेय की राजनीति बंद करें.

पत्रकार परिषद में सरनाईक ने कहा कि 2041 की आबादी को ध्यान में रखते हुए मीरा-भायंदर को 135 एमएलडी पानी सिंचाई विभाग ने देना मंजूर किया था.यह पानी जैसे-जैसे आबादी बढ़ती,वैसे- वैसे बढ़ाकर दिया जाने वाला था,लेकिन 2041की जितनी आबादी 2020 तक ही हो गई.सरनाईक ने बताया कि उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने साफ किया कि  एमआईडीसी से 100 एमएलडी पानी स्थाई रूप से मंजूर था.जबकि 25 एमएलडी पानी वर्षाकाल तक के लिए ही अस्थाई रूप से मंजूर था, जिसे एमआईडीसी ने स्वाभाविक रूप से बंद कर दिया.

सरनाईक ने कहा की बैठक में 135 एमएलडी में से बाकी का 35 एमएलडी पानी तथा उनकी मांग के अनुरूप नवी मुंबई का 20 एमएलडी पानी मीरा-भायंदर को बढ़ाकर देने का निर्णय हुआ है.लेकिन यह पानी तभी मिलेगा,जब साकेत व कापुरबावड़ी के पास एमआईडीसी की पाइप लाइन से पानी उठाने में तकनीकी कमी दूर की जाएगी.सरनाईक ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार है.हमने प्रयास कर ज्यादा पानी मंजूर करा दिया है.अब उसे लाने का काम सत्तापक्ष भाजपा व मीरा-भायंदर मनपा प्रशासन का है.

जल भंडारण की हो व्यवस्था

सरनाईक ने कहा कि मीरा-भायंदर मनपा के पास जल भंडारण की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में अगर किसी कारण दो-चार दिन के लिए शहर की जलापूर्ति बंद पड़ जाती है,तो लोग प्यासे मर जाएंगे.इसलिए कम से कम 24 घंटे तक जलापूर्ति करने की क्षमता वाली टंकियों का निर्माण किया जाना चाहिए.उन्होंने आगे कहा की सूर्या बांध पानी परियोजना का पानी आने से पहले उसके भंडारण व वितरण का इंतजाम भी पूरा कर लिया जाना चाहिए.