बोरी से आ रही दुर्गंध से मिली मिसिंग शख्स की लाश, 4 गिरफ्तार

Loading

मुंबई. एक भंगार के कारोबारी की हत्या के जुर्म में वालीव पुलिस ने हत्यारे सहित उसके 3 अन्य साथियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के समक्ष आरोपियों ने कबूल किया कि मृतक पारस रामधनी गुप्ता (45) के पास पैसे बकाया थे जो वह नहीं दे रहा था. कल पुलिस ने सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जहां 2 दिसंबर तक उन चारों को पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया गया.

वालीव पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक चंद्रकांत सरोदे के अनुसार, पारस गुप्ता मीरा रोड पूर्व के पेनकर पाडा में परिवार सहित रहता था और कांदिवली पूर्व, ठाकुर विलेज के पास लक्ष्मी नगर में भंगार का दुकान चलाता था. वह रोज लगभग 7 बजे तक मीरा रोड अपने घर पहुंच जाता था.18 नवंबर की रात को वह घर नहीं पहुंचा. दुसरे दिन उसकी पत्नी ने कांदिवली पूर्व के समता नगर पुलिस स्टेशन में अपने पति की गुमसुदगी की शिकायत दर्ज करा दी. समता नगर पुलिस मामले की जांच कर ही रही थी की 23 नवंबर को वालीव पुलिस को मुंबई-अहमदाबाद हाइवे के बगल में बाफाणे गांव के पास झाडियों में फेंके गए एक बोरी से दुर्गंध आने की सूचना मिली.जांच में पुलिस को बोरी के अंदर एक पुरुष की लाश मिली. 

जांच के लिए तीन टीम गठित

पड़ताल में वालीव पुलिस को पता चला की उक्त लाश पारस गुप्ता की है जिसकी गुमसुदगी की रिपोर्ट समता नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज है. वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विलास चौगुले ने मामले की जांच के लिए तीन टीम गठित की जिसकी अगुआई पुलिस निरीक्षक चंद्रकांत सरोदे कर रहे थे. इस मामले की समानांतर जांच समता नगर पुलिस स्टेशन के पुलिस उपनिरीक्षक अनिल हडल भी कर रहे थे. उन्हीं को मिले सुराख के आधार पर वालिव पुलिस ने लगभग 15 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. उसी के बाद हत्या में ओमप्रकाश विश्नोई (21 वर्ष) का नाम सामने आया.कड़ाई से की गई पुछताछ में उसने गुप्ता की हत्या करने की बात काबुली और अपने 3 साथियों की मदद से एक कार द्वारा गुप्ता की लाश को वालीव पुलिस स्टेशन की हद में फेंकने की बात भी बताई. 

नहीं दे रहा था पैसा

विश्नोई का पड़ोस में ही सामान पॉलिसी करने का कारखाना है .वहां जमा हुआ भंगार वह गुप्ता को बेच देता था.कुछ दिनों से गुप्ता उसके द्वारा दिए गए भंगार का पैसा नहीं दे रहा था.इसी को लेकर उसके मन में गुस्सा था. 18 नवंबर को उसने गुप्ता को अपनी कंपनी में बुलाया और लोहे की रॉड से उस पर हमला कर दिया. गुप्ता की मौत होने पर उसने सुरेश कुमार कृष्णाराम विश्नोई (21 वर्ष) , सुरेश कुमार नारायणराम विश्नोई (25 वर्ष) सहित भंवरलाल  चेनाराम विश्नोई (38 वर्ष) की मदद से उसकी लाश वालीव पुलिस स्टेशन की हद में फेंक दिया था.