Indian Railway Environment

    Loading

    मुंबई. देश के सबसे बड़े यातयात नेटवर्क वाले इंडियन रेलवे (Indian Railway) को  पर्यावरण (Environment) के अनुकूल हरित रेलवे बनाने का काम किया जा रहा है। जीरो कार्बन उत्सर्जन (Zero Carbon Emissions) के मिशन के रूप में बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण, पानी और कागज का संरक्षण, ट्रेनों में बायो टॉयलेट, स्टेशनों पर सौर ऊर्जा, एलईडी लाइट (LED Light) आदि का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है। 

    प्रदूषण को कम करने की दृष्टि से  भारतीय रेलवे को “हरित रेलवे” में बदलने के लिए बीजी मार्गों के शतप्रतिशत विद्युतीकरण के लिए दिसंबर, 2023 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे डीजल ट्रैक्शन खत्म होकर कार्बन फुटप्रिंट और पर्यावरण प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आएगी।

    हेड ऑन जेनरेशन 

    रेलवे में  हेड ऑन जेनरेशन (एच ओजी ) सिस्टम भी शुरू हुआ है, जिसके तहत लोकोमोटिव के माध्यम से सीधे ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) से कोचों को बिजली की आपूर्ति की जाती है। भारतीय रेलवे पर अब तक 1280 ट्रेनों को एचओजी में बदला जा चुका है। इससे कार्बन फुटप्रिंट में प्रतिवर्ष 31,88,929 टन की कमी आएगी और पावर कारों को खत्म करने से 2,300 करोड़ रुपये की ईंधन लागत में भी बचत होगी।

    बायो टॉयलेट

    “स्वच्छ भारत मिशन” के तहत  भारतीय रेलवे ने तेजी से बायो टॉयलेट का निर्माण किया। इससे पटरियों पर हर दिन लगभग 2,74,000 लीटर मलमूत्र गिरने से बच रहा है। रेलवे के 73,078 डिब्बों में 2,58,906 जैव शौचालय लगाए गए हैं।

    1 हजार से अधिक स्टेशनो पर सौर ऊर्जा

    मध्य रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार ने बताया कि स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करने के लिए रेलवे भवनों की छतों पर सौर संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा दिया गया है। देश भर में 1,000 से अधिक स्टेशनों और 400 सेवा भवनों में लगभग 114 मेगावाट सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित किए हैं। 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जक बनने की योजना है। मध्य रेलवे के एलटीटी में 2।50 मेगावॉट का रूफटॉप संयंत्र काम कर रहा है, इस हरित ऊर्जा का उपयोग टर्मिनस के साथ कोचिंग डिपो के लिए भी किया जाता है। इसी तरह अन्य कई स्टेशनो पर रूफटॉप सोलर सिस्टम और पवन ऊर्जा के संयंत्र भी लगे हैं। बिजली बचाने के लिए रेलवे स्टेशनों, प्रतिष्ठानों, भवनों और आवासीय क्वार्टरों में एलईडी लगाए गए हैं। 

    पर्यावरण अनुकूल वातावरण

    सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार‌ ने यात्रियों के लिए एक पर्यावरण अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। स्टेशनों पर गार्डन बनाए जा रहे हैं। हाल ही में सीएसएमटी मुंबई में विकसित एक हर्बल गार्डन उनमें से मुख्य है।

    प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीन

    स्टेशनों पर प्लास्टिक कचरे को कम करने, पुनर्चक्रण और निपटाने के लिए 400 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर कुल 585 पीबीसीएम मशीनें पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं। मुंबई में मध्य व पश्चिम रेलवे के कई उपनगरीय स्टेशनों पर पीबीसीएम मशीनें लगाई गई हैं।

    3279 इलेक्ट्रिक इंजन

    डीजल लोको में कमी कर ट्रेन संचालन के लिए कुल 3279 इलेक्ट्रिक इंजनों का उपयोग किया जा रहा है। 

    साफ सफाई में अत्याधुनिक तकनीक

    स्टेशनों व कोच की साफ सफाई के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। लगभग 160 कोचिंग डिपो के माध्यम से कोचों की मशीनीकृत सफाई की जा रही है।  पानी बचाने के लिए स्वचालित कोच वाशिंग प्लांट (एसीडब्ल्यूपी) की स्थापना की गई है। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए, रेलवे में मार्च 2021 तक 6,112 वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित की गई है।

    डिजिटलीकरण को बढ़ावा

    कागज के उपयोग को कम करने के विभिन्न गतिविधियों को डिजिटल कर पेपरलेस कर दिया गया है। भारतीय रेलवे ने चरणबद्ध तरीके से एचएचटी (हैंड हेल्ड टर्मिनल) की शुरुआत की और डिजिटल लेनदेन के लिए पोर्टेबल पीओएस मशीन भी प्रदान की। सितंबर 2018 से आरक्षित कोचों के बाहर आरक्षण चार्ट चिपकाना भी बंद कर दिया गया था और इसे इलेक्ट्रॉनिक चार्ट डिस्प्ले सुविधा से बदल दिया गया। स्वच्छ वातावरण के लिए रेलवे के अस्पताल और कॉलोनी के कचरे को बायोमेडिकल वेस्ट नियमों के अनुसार ठिकाने लगाने सभी 128 अस्पतालों और 586 स्वास्थ्य इकाइयों में जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन का पालन हो रहा है।

    ग्रीन सर्टिफिकेशन

    19 रेलवे स्टेशनों व 27 रेल भवन को ग्रीन सर्टिफिकेशन मिला है। इनमें मुख्य रूप से पर्यावरण पर सीधे असर डालने वाले मापदंडों का मूल्यांकन शामिल है, जैसे, ऊर्जा संरक्षण के उपाय, नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी, जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, सामग्री संरक्षण, रीसाइक्लिंग। पिछले दो वर्षों में 600 से अधिक रेलवे स्टेशनों को पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के आईएसओ: 14001 के कार्यान्वयन के लिए प्रमाणित किया गया है। आईएसओ: 14001 प्रमाणन के लिए कुल 718 स्टेशनों की पहचान की गई है।