मनसे ने दिखाई स्टाइल, महिला को किया डिस्चार्ज

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  • प्लेटिनम अस्पताल ने महिला मरीज को बनाया था बंधक
  • वसई- विरार में निजी अस्पतालों की लूट जारी 
  •  मेडिक्लेम कंपनी से 1.87 लाख कराया पास
  • डिस्चार्ज के समय 4.72 लाख का पकड़ाया बिल महिला की बेटी ने मनसे नेताओं से लगाई थी गुहार

राधा कृष्णन सिंह

 वसई. वसई-विरार मनपा क्षेत्र के निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना उपचार के नाम पर लोगों को लूटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. वसई पूर्व स्थित प्लेटिनम अस्पताल में उपचार कराने गई 62 वर्षीय महिला को पैसे के लिए बन्धक बनाया गया, जबकि अस्पताल प्रशासन कोरोना उपचार के नाम पर मरीज के मेडिक्लेम के माध्यम से 1.87 लाख रुपए पास करा चुका था और 60 हजार रुपए पहले ही नकद जमा कराया था. इस बात की शिकायत पर पहुंचे मनसे कार्यकर्ताओं ने महिला को अस्पताल से मुक्त कराया. 

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ही मनपा के जनसंपर्क अधिकारी ने जानकारी दी थी कि मनपा क्षेत्र के 8 निजी अस्पतालों में सरकारी दर पर कोरोना मरीजों का उपचार होगा, जिसमें क्षेत्र के प्लेटिनम अस्पताल का भी नाम शामिल था. जबकि इसके पूर्व नालासोपारा पश्चिम के रिद्धि विनायक व पश्चिम के अचोले स्थित विनायका अस्पताल में भी मरीजों के साथ उपचार के नाम पर लाखों की लूट का मामला उजागर हुआ था. मनपा ने सिर्फ खानापूर्ति कर मामले को रफा-दफा कर दिया. अब लोग मनपा पर भी मिलीभगत कर जनता को लूटने का आरोप लगा रहे हैं. 

भर्ती से पहले जमा कराया था 60 हजार रुपए

बता दें कि वसई पूर्व के गोखिवरे क्षेत्र निवासी कांचन खरात कोरोना संक्रमित हुई थीं. उपचार के लिए उसकी बेटी ने बीते 23 जून को वसई पूर्व के प्लेटिनम अस्पताल में भर्ती कराया था.इस दौरान महिला की बेटी से अस्पताल में उपचार के पूर्व डिपोजिट के नाम पर 60 हजार रुपए जमा कराए गए. इसके पश्चात महिला के मेडिक्लेम के माध्यम से 1.87 लाख रुपए पास करा लिया. फिर डिस्चार्ज के वक़्त उसे 4.72 लाख का बिल देकर शेष रुपए की मांग करने लगे, जिसे देने में बेटी ने असमर्थता जताई तो महिला को डॉक्टरों ने बंधक बना लिया. इसकी जानकारी उसने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना कार्यालय में बैठे कार्यकर्ताओं को दी. 

मनसे नेताओं ने महिला को अस्पताल से मुक्त कराया

मामले की गंभीरता को देखते हुए मनसे के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे तो सच्चाई खुद सामने आ गई. पदाधिकारियों ने अस्पताल प्रशासन से कोरोना मरीजों के उपचार को लेकर सरकार द्वारा निर्धारित रेट लिस्ट दिखाने की मांग की, लेकिन अस्पताल ने उसका नकारात्मक जवाब देते हुए महिला को छोड़ने से इंकार कर दिया. इसकी शिकायत मनपा अधिकारियों से करते हुए मनसे नेताओं ने महिला को अस्पताल से मुक्त कराकर उसके रिश्तेदारों के सुपुर्द कर दिया. मुख्य रूप से मनसे के प्रवीण भोईर, वसई शहर अध्यक्ष नितिन गोर्गीले, नालासोपारा शहर सचिव राज नागरे, वीर नगर सचिव प्रवीण राउत, मंडल अध्यक्ष सचिन मोरे व केंद्रीय उद्यान विभाग अध्यक्ष सैनिक धानक सहित बड़ी संख्या में अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता अस्पताल पहुंचे थे.