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  • शिक्षकों की सीएम को सलाह- पहले वैक्सीन दीजिये फिर स्कूल खोलिये

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मुंबई. राज्य में 19 और 20 नवंबर को शिक्षकों की हुई कोरोना टेस्टिंग में 500 से अधिक शिक्षक पॉजिटिव पाए जाने की बात शिक्षकों और शिक्षक विधायक ने कही है. इस खबर के बाद अभिभावकों के मन में यह प्रश्न कौंध रहा है कि क्या विद्यार्थियों स्कूल भेजना सही होगा? विधायक ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम को पत्र लिख शिक्षकों और विद्यार्थियों को पहले वैक्सीन देने और फिर स्कूल खोलने की मांग की है.

राज्य में 23 नवंबर से स्कूल खोलने को लेकर चहल-पहल बढ़ गई है. हालांकि मुंबई, ठाणे में स्थानीय प्रशासन ने कोरोना के वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है. राज्य में अभी भी कई जगह स्कूल खोलने को लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा विचार-विमर्श किया जा रहा है. ऐसे में 500 से शिक्षकों का कोरोना संक्रमित पाया जाना किसी खतरे की घंटी से कम नहीं. 

एक स्कूल के 11 कर्मचारियों में कोरोना की पुष्टि 

शिक्षक भारती संघटन के कार्याध्यक्ष सुभाष मोरे ने कहा कि औरंगाबाद, उस्मानाबाद, नागपुर व अन्य जिलों के 500 से अधिक शिक्षक कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव मिले हैं. यह तो टेस्टिंग बंद कर दी गई वरना यह संख्या और भी बढ़ सकती है. एक स्कूल के 11 कर्मचारियों में कोरोना की पुष्टि हुई है. एक ओर स्वास्थ्य मंत्री कोरोना की दूसरी लहर की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग का स्कूल खोलने की घोषणा कर रही है. यदि स्कूल खुलते है तो शिक्षक, विद्यार्थी, गैर-शिक्षक कर्मचारी की जान को जोखिम बना रहेगा. इस मुद्दे को लेकर शिक्षकों का मुद्दा उठाने वाले विधायक कपिल पाटिल ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिख यह मांग भी की है कि वैक्सीन के आते ही शिक्षकों, विद्यार्थियों और गैर-शिक्षक कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए. जबतक वैक्सीन नहीं आती है तब तक स्कूल को बंद ही रखें और ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखें. इस संदर्भ में राज्य प्राथमिक और माध्यमिक बोर्ड के निदेशक  दत्तात्रेय जगताप ने कहा कि के जांच में कुछ शिक्षक कोरोना पॉजिटिव मिलें हैं, लेकिन इस से संबंधित डाटा फिलहाल उपलब्ध नहीं है. 

अभिभावक नहीं होंगे तैयार

शिक्षकों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद अभिभावक शायद ही अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे. यह तो जांच हुई और पता चल गया, लेकिन स्कूल खुलने के बाद क्या? जब सब यात्रा करेंगे, कही न कहीं लोगों के संपर्क में आएंगे. जबतक वैक्सीन नहीं आती अभिभावकों को अपनो बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी रहेगी. सरकार को आने वाले दिनों में कुछ ठोस निर्णय लेने होंगे. जो विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित उनतक पहुंचना होगा बाकी तो ऑनलाइन के माध्यम शिक्षा प्राप्त कर ही रहे हैं. -अरुंधति चौहान, महाराष्ट्र पेरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन (पीटीए)

वैक्सीन के आते ही शिक्षकों, विद्यार्थियों और गैर-शिक्षक कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए. जबतक वैक्सीन नहीं आती है तब तक स्कूल को बंद ही रखें और ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखें. – कपिल पाटील, शिक्षक आमदार

औरंगाबाद, उस्मानाबाद, नागपुर और अन्य जिलों के 500 से अधिक शिक्षक कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव मिले हैं. यह तो टेस्टिंग बंद कर दी गई वरना यह संख्या और भी बढ़ सकती है.  -सुभाष मोरे, शिक्षक भारती संघटन के कार्याध्यक्ष