मुलुंड बना कोरोना का हॉट स्पॉट

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मुंबई. मनपा प्रशासन का दावा है कि मुंबई में कोरोना का असर बहुत तेजी से कम हो रहा है.कोरोना मरीजों की संख्या दोगुना होने की अवधि बढ़ कर 43 दिन हो गयी है.बांद्रा, सांताक्रूज, मोहम्मद अली रोड, भायखला आदि इलाकों में कोविड-19 का असर अब नहीं के बराबर है, लेकिन पूर्व एवं पश्चिम उपनगरों में कोरोना कहर बरपा रहा है. मुंबई मनपा का प्रवेश द्वार माने जाने वाला मुलुंड कोरोना का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन कर उभर रहा है. जिसको लेकर लोगों में भय का वातावरण है.

मरीजों की संख्या दोगुना होने की अवधि महज 19 दिन

 मनपा का टी वार्ड कोरोना के मरीजों की संख्या के मामलों में भले ही अभी अन्य वार्डों से पीछे है लेकिन मरीजों की संख्या दोगुना होने की कालावधि सबसे कम केवल 19 दिन है.संक्रमण की तीव्रता के मामले में मुलुंड व आसपास का इलाका मुंबई में अव्वल है.मरीजों की संख्या में इजाफा न हो इसके लिए मनपा अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक संस्थाओं से जुड़े व्यक्ति विशेष ध्यान दे रहे हैं.लेकिन इसका खासा असर देखने को नहीं मिल रहा है.

के-पूर्व वार्ड नंबर वन पर बना हुआ 

मुंबई महानगर पालिका क्षेत्र में अब तक 82 हजार 814 कोरोना के मरीज मिले हैं.जिसमें अंधेरी एवं जोगेश्वरी पूर्व इलाकों में 5660 मरीजों के साथ के-पूर्व वार्ड नंबर वन पर बना हुआ है.लेकिन संक्रमण की तीव्रता 1.6 प्रतिशत है,यहां मरीजों की संख्या दोगुना होने की कालावधि 45 दिन है.धारावी वाला वार्ड जी-उत्तर 4811 मरीजों के साथ दूसरे नंबर पर है,इस वार्ड में मरीजों की संख्या दोगुना होने की कालावधि 58 दिन है. जबकि तीसरे नंबर वाले पी उत्तर वार्ड में 4421 मरीज हैं.इस वार्ड में दोगुना होने का समय 31 दिन है. मरीजों के मामले में चौथे नंबर पर एस वार्ड है.इस वार्ड में 4838 मरीज हैं. मरीजों की संख्या दोगुना होने की कालावधि 30 दिन है. के पश्चिम वार्ड 4268 मरीजों के साथ पांचवें नंबर पर है.एल वार्ड में कोरोना मरीजों की संख्या 4257 है.जबकि सातवें स्थान पर एन वार्ड है,इस वार्ड में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 4256 है. मनपा के जी दक्षिण वार्ड में अब तक 3900 कोरोना मरीज मिले हैं. मरीजों की संख्या के मामले में  मनपा का टी वार्ड 16 वें स्थान पर है. इस वार्ड में अब तक 3025 मरीज मिले हैं. इनमें से 1480 मरीज ठीक हुए हैं,जबकि 1455 का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है.टी वार्ड में कोरोना की वजह से 90 की मौत हुई है.

मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही 

 मुलुंड व आसपास के इलाके में मिली जुली आबादी है.एक तरफ जहां ऊंची ऊंची इमारते हैं तो वहीं इंदिरा नगर , रामनगर , विजय नगर  में झोपड़पट्टी भी है. जिसमें मजदूर तबके के लोग बड़ी तादाद में रहते हैं. शुरु में मुलुंड व आसपास के इलाकों में कोरोना मरीजों की संख्या बहुत कम थी.लेकिन सरकार की तरफ से लॉकडाउन में दी गयी छूट के बाद मुलुंड में कोरोना वायरस का प्रभाव तेजी से बढ़ा है.हर रोज मिलने वाले कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पिछले 16 जून को टी  वार्ड में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 1679 थी.हर रोज 80 से 100 नए मरीज मिल रहे हैं.जिससे 23जून को यह संख्या बढ़कर 2180 हो गयी अब यह संख्या 3025 हो गई  है.टी वार्ड में कोरोना मरीजों के बढ़ने की दर मुंबई में सबसे अधिक  3.8 प्रतिशत है.

प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार 

मुलुंड में कोरोना बढ़ने के लिए पूरी तरह प्रशासन जिम्मेदार है.तीसरे लॉकडाउन तक मुलुंड में कोरोना मरीजों की संख्या बहुत कम थी. मुलुंड के लोगों का जुड़ाव वाशी के एपीएमसी मार्केट एवं जेएनपीटी से भी है. बे रोक टोक आवाजा ही है. वायरस प्रभावित इलाकों को सील करने एवं मार्किंग में कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिल रही है.लोग भी कोरोना को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं.संयुक्त प्रयास से ही कोरोना पर नियंत्रण पाया जा सकता है. -मनोज कोटक, सांसद

संयुक्त प्रयास से हारेगा कोरोना 

 मुलुंड में पिछले कुछ दिनों से कोरोना का प्रभाव बढ़ा है. क्षेत्र में संयुक्त प्रयास से कोरोना को कंट्रोल करने में  सफलता मिल सकती है. इसमें मनपा कर्मियों एवं पुलिस जवानों की भूमिका महत्वपूर्ण है. बगैर मास्क लगाए कोई घर से बाहर नहीं निकले. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है.  – प्रभाकर शिंदे, अध्यक्ष, प्रभाग समिति 

सावधान रहने की जरुरत 

वैश्विक महामारी रोकने में मनपा प्रशासन विशेषकर वार्ड ऑफिसर, जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संस्थाओं के संयुक्त प्रयास की जरुरत है, हमारे दवाखाने में आने वाले मरीजों की जांच करवाता हूं. उसमें बड़े पैमाने पर कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं. लोगों को सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत जरुरी है. लोगों को सावधान रहने की जरुरत है. -डॉ. आर.आर. सिंह, कांग्रेस नेता, चिकित्सक 

सोसायटियों में बढ़ रहे मरीज

 पिछले कुछ दिनों से मुलुंड में कोरोना का संक्रमण अधिक बढ़ा है. कोरोना को रोकने के लिए सार्वजनिक शौचालयों पर ध्यान केंद्रित किया गया. शौचालयों का सेनेटाइजेशन करवाने से झोपड़पट्टियों में इसका असर कम है, लेकिन सोसायटियों में अधिक मरीज मिल रहे हैं. जिस पर सभी को ध्यान देने की जरुरत है.  – नीतिन काले, शिवसैनिक