मुंबई 3 साल में 10 अरब से ज्यादा के ड्रग्स की हुई जब्ती

  • 169 मामले दर्ज कर 270 ड्रग्स माफियाओं को गिरफ्तार करने में मिली सफलता

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सत्यप्रकाश सोनी

मुंबई. वॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद ड्रग्स सेवन को लेकर जो खुलासे हुए उसके आधार पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) नशीले पदार्थों के मकड़जाल की गुत्थी सुलझाने और उसे तोड़ने में लगी हुई है. ब्यूरो से जुड़े अधिकारी लगातार छापे पर छापे मारे जा रहे हैं. दूसरी ओर ड्रग्स के सौदागरों के खिलाफ मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) भी लगातार सक्रिय रहकर उनके खिलाफ अभियान चलाती रही है. 

इसके गवाह हैं ड्रग्स के सीजर के वे आँकड़े जो बताते हैं कि पिछले 3 साल में इसकी टीम ने कुल 10.53 अरब रुपए के ड्रग्स सीज किया. एएनसी का मुख्य काम ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करना और उन पर शिकंजा कसना है. एन्टी नारकोटिक्स सेल के सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विगत 3 सालों में इसने 169 मामले दर्ज कर 270 ड्रग्स माफ़िया को गिरफ्तार करने में सफलता पाई. इस दरमियान इनके पास से 1621 किलोग्राम विभिन्न प्रकार के मादक पदार्थ जप्त किए गए हैं, जिसकी कुल कीमत 10 अरब 53 करोड़ रुपये है.

रेव पार्टी में एमडी की मांग सबसे ज्यादा

ड्रग्स का उपयोग रेव पार्टी में ज्यादा होता है और ऐसी पार्टियों में नशाखोरी को लेकर समय-समय पर पुलिस द्वारा छापामारी की जाती है. रेव पार्टी ड्रग्स पेडलर के बिना अधूरी होती है क्योंकि ड्रग सप्लाई का जिम्मा इन्ही का होता है. इसके पीछे का उद्देश्य जल्द और ज्यादा पैसा कमाना रहता है. एएनसी के डीसीपी दत्ता नलावड़े ने बताया कि ऐसे पार्टियों में जो लोग शिरकत करते हैं, उन लोगों में एमडी ड्रग्स का डिमांड ज्यादा है. इसे पार्टी ड्रग्स भी कहते है. ऐसा भी देखा गया है कि जो लोग जैसा ड्रग्स का सेवन करते हैं, उसी को आधार बनाकर रेव पार्टी आयोजित की जाती है मसलन किसी पार्टी में सिर्फ गांजा तो किसी मे सिर्फ एमडी को ही सेवन करने दिया जाता है.

ड्रग्स ज्यादातर अफ्रीकी देशों से आता है

नारकोटिक्स सेल के अधिकारियों के मुताबिक, ड्रग्स में सबसे अच्छा और महंगा कोकीन को माना जाता है. देश में यह ड्रग्स ज्यादातर अफ्रीकी देशों से लाया जाता है. अफग़ानिस्तान से हीरोइन तो नेपाल से चरस बड़ी मात्रा में ड्रग्स तस्कर भारत में लाते हैं. उसके अलावा गांजा या वीड अमेरिका सहित यूरोपीय देशों से यहां लाया जाता है. अधिकारियों के मुताबिक, ड्रग्स के धंधे में मोटी कमाई होने के कारण क्षेत्रीय स्तर पर महिलाएं भी काफी हद तक इस धंधे में सक्रिय हैं. समय-समय पर मुंबई पुलिस या एएनसी इनके खिलाफ कार्रवाई करती रहती है. नशे के इस धन्धे में 200 से 300 प्रतिशत तक का मुनाफा होता है. इसी कारण से पुरुषों के अलावा महिलाएं भी इस धंधे से जुड़ती रहती हैं.

कोर्ट से आदेश नष्ट होता है जब्त ड्रग्स

डीसीपी दत्ता नलावड़े के मुताबिक, कार्रवाई के बाद जब्त किए ड्रग्स को नष्ट करने के लिए कोर्ट से सेक्शन 52 अ के तहत आदेश लिया जाता है. इस दौरान मुंबई पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के निगरानी में एन्टीनार्कोटिक्स सेल के अधिकारी जब्त ड्रग्स को नष्ट करने का कार्य सम्पन्न कराते हैं. नलावड़े ने बताया कि हमारा विभाग सिर्फ बढ़े ड्रग्स माफियाओं पर नजर रखकर उनके खिलाफ कार्रवाई करती है. इसके अलावा ड्रग्स के सेवन करने वालों और छोटे-मोटे क्षेत्रवार ड्रग्स बेचने वालों के लिए मुंबई पुलिस स्थानीय स्तर पर कार्रवाई करती रहती है.

सितारों के नाम पर ड्रग्स के कोड नेम

नारकोटिक्स विभाग से बचने के लिए ड्रग्स के कारोबारी ड्रग्स का कोड नाम रखकर खुलेआम व्यापार करते हैं और समय समय पर ड्रग्स के नामों का कोड बदलता रहता है, लेकिन कुछ ड्रग्स के कोड नाम हैं जो पेडलर्स अक्सर अपनी बातचीत की भाषा में इस्तेमाल करते हैं. जैसे कि माल है क्या, जहर मिलेगा क्या, सीबीडी ऑयल दो, चटाई चाहिए ,बटन लेना है, डबीज, AK-47, ब्लू बेरी कुश, स्ट्राबेरी कुश, चित्ता, संतरा के अलावा फिल्मी सितारों के नाम पर भी ड्रग्स के नाम रखे गए है जैसे कि रणवीर सिंह (ड्रग्स पेडलर), रणबीर कपूर (होस्ट), आलिया भट्ट (कोकीन), कंगना रनौत (अफीम), कैटरीना कैफ (स्मैक), प्रियंका चोपड़ा (एलएसडी), अनुष्का शर्मा (हशीश) आदि के नाम पर खरीदा और बेचा जाता है.