भारी बारिश-प्रतीकात्मक तस्वीर
भारी बारिश-प्रतीकात्मक तस्वीर

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मुंबई. कोरोना के साथ-साथ मुंबईकरों पर अब लेप्टोस्पायरोसिस का खतरा भी मंडरा रहा है. यह बीमारी चौपाए जानवरों के मल-मूत्र के संपर्क में आने से होती है. विगत 2 दिन में मुंबई में भारी बारिश हुई है.मुंबई के कई इलाके जलमग्न हो गए थे, ऐसे में संक्रमित पानी से गुजरने वाले  लोगों को अपनी सेहत का खासा ध्यान देने की जरूरत है. मानसून आते ही मानसूनी बीमारी जैसे डेंगू, मलेरिया, लेप्टो लोगों को अपनी जद में लेती है. काफी लोग ठीक हो जाते हैंं तो कुछ को अपनी जान भी गंवानी पड़ती. इस बार मुंबईकरों के समक्ष अलग चुनौती उन्हें कोरोना और लेप्टो दोनों से ही बचना होगा. गत वर्ष जुलाई महीने में कुल 74 लोग लेप्टो बीमारी से ग्रसित हुए थे जिसमें से 5 लोगों की मृत्यु हो गई थी. जबकि इस वर्ष जुलाई में केवल 14 लोगों में उक्त बीमारी की पुष्टि हुई है. लेप्टो रोगियों की इस वर्ष कम संख्या होने का कारण लॉकडाउन होने की बात एक बीएमसी अधिकारी ने कही है. 

तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए

जसलोक अस्पताल के संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख डॉ. ओम श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों ही बीमारियों के कुछ लक्षण समान हैंं. जैसे बुखार आना, सांस लेने में दिक्कत, बदन दर्द. ऐसे में लक्षण से बीमारी का पता कर पाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन यदि मरीज से हिस्ट्री ली जाए तो बीमारी डायग्नोज़ करने में मदद मिल सकती है.  बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति जलजमाव में अधिक समय तक रहा है और उसे बुखार और अन्य स्वास्थ्य समस्या होती है  तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

लेप्टो के लक्षण

लेप्टो के मरीजों में कुछ सामान्य लक्षण जैसे बुखार आना, ठंड लगाना, सिर दर्द, दस्त, पीलिया, पेट दर्द है. उक्त लक्षण आम बुखार जैसे ही हैंं लेकिन लापरवाही न करेंं और तुरंत मनपा अस्पताल में जाकर डॉक्टर को दिखाएंं. 

क्या करेंं मुंबईकर

मनपा की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंगला गोमरे ने बताया कि कई बार लोग बुखार आने पर मेडिकल से दवा खरीदकर खा लेते हैंं. कुछ देर के लिए मरीज को बुखार से छुटकारा मिल जाता है, लेकिन शरीर में मौजूद लेप्टो का बैक्टीरिया अंदर ही अंदर बढ़ता जाता है. नतीजन एकाएक मौत भी हो जाती है.बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करेंं.

रोकथाम व बचाव

* मुंबई में जिस तरह की बारिश हो रही ऐसे समय में जल जमाव वाले क्षेत्र में न जाएंं.

* शरीर पर चोट या खरोंंच हो तो तुरंत इलाज करवाएंं वरना पानी में मौजूद बैक्टेरिया संपर्क में आते ही शरीर के भीतर प्रवेश कर सकते हैंं.

*घर में पालतू जानवरों को लेप्टो का टिका लगवाएंं. 

* घर के आसपास स्वच्छ्ता रखेंं और जल जमाव न होने देंं.