मुंडे, तावड़े व शेलार को केंद्रीय टीम में स्थान

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  • फडणवीस की संसदीय बोर्ड में इंट्री

मुंबई. भाजपा की प्रदेश टीम घोषित होने के बाद  पार्टी नेताओं की निगाहें अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर टिक गई है. जिसमें पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे,  विनोद तावडे एवं आशीष शेलार को स्थान मिल सकता है.पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस को पार्टी की संसदीय समिति का सदस्य बनाए जाने की चर्चा है साथ ही कोंकण में पार्टी की ताकत बढ़ाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को भी जिम्मेदारी दी जा सकती है. 

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने 20 जनवरी को कार्यभार ग्रहण किया था.उनकी टीम गठित होनी थी, तभी देश में वैश्विक महामारी कोरोना की इंट्री हो गयी.लॉकडाउन के दौरान नड्डा के नेतृत्व में पार्टी लोगों के सेवा कार्य में जुट गयी. लॉकडाउन शिथिल होने के बाद अब पार्टी की नई कार्यकारिणी गठित होने की हलचल शुरु हुई है. सूत्रों की मानें तो अगले सप्ताह पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति घोषित हो सकती है. विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के अचानक दिल्ली कूच से इस चर्चा को बल मिला है.

मुंडे ने राष्ट्रीय स्तर पर काम करने की इच्छा जताई थी

 पार्टी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की टीम में पंकजा मुंडे एवं तावड़े को स्थान नहीं मिलने के बाद खुद पाटिल ने ही कहा था कि दोनों नेताओं का उपयोग पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर कर सकती है. मुंडे ने राष्ट्रीय स्तर पर काम करने की इच्छा जताई थी.जे पी नड्डा की टीम में महाराष्ट्र के चार नेताओं को स्थान मिलने की उम्मीद है. पूर्व मंत्री आशीष शेलार भाजयुमो एवं मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं.उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में स्थान नहीं मिला है.नड्डा, शेलार को राष्ट्रीय कार्यसमिति में शामिल कर उनके संगठन कौशल्य का उपयोग कर सकते हैं. संभाजी निलंगेकर-पाटिल को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह मिलने की संभावना जताई गयी है. 

  राणे को भी मिल सकती है जिम्मेदारी

पार्टी की संदीय समिति में शामिल होने के सवाल पर देवेंद्र फडणवीस ने भले ही यह कहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर अपनी टीम गठित करेंगे, यह उनका अधिकार है, लेकिन मुंबई के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर उनके संसदीय समिति में शामिल होने की बधाई भी दे दी है. कोंकण में शिवसेना को शिकस्त देने के लिए पार्टी पूरा जोर लगा रही है जिसको देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद नारायण राणे को भी अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है.