FDA Approves Remadecivir as First Medication for Covid-19 Treatment in US

  • जिला सर्जन मरीजों की संख्या के हिसाब से तय करेंगे कोटा

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मुंबई. कोरोना से पीड़ित मरीजों और उनके परिजनों को रेमडेसीविर के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी और न ही अधिक पैसे चुकाने पड़ेंगे. सरकार ने प्रत्येक जिले में एक औषधि केंद्र पर निश्चित दर पर रेमडेसीविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. सरकार की तरफ से तय किए गए निजी दवाखाने में 100एमजी का इंजेक्शन 2,360 रुपये का मिल सकेगा.

 वैश्विक महामारी कोरोना की वैक्सीन अभी तक तैयार नहीं हो पायी है, लेकिन कोरोना की वजह से हालात बिगड़ने पर मरीजों को रेमडेसीविर इंजेक्शन दिया जा रहा है. लेकिन यह औषधि आसानी से नहीं मिल पा रही है. निजी अस्पताल में इंजेक्शन लिखने पर मरीजों के परिजनों को अधिक भाग दौड़ करनी पड़ती है और मुंहमांगी कीमत चुकानी पड़ती है. इससे छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने उपाय योजना की है. निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे मरीजों को समय से और सही कीमत पर इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक जिले में कम से कम एक दवाखाना निश्चित करने का निर्णय लिया गया है.

निजी दवाखाने में 2,360 रुपये का मिलेगा 100mg का इंजेक्शन 

निजी अस्पताल के मरीजों को 100एमजी का इंजेक्शन 2,360  रुपये में मिल सकेगा.इस संदर्भ में अन्न व औषधि प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मंगाया गया था. अन्न और औषधि प्रशासन की तरफ से रेमडेसीविर उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक जिले में एक मेडिकल स्टोर अधिकृत किया गया है. जिला सर्जन मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन की रोज की आवश्यकता को देखते हुए कोटा निश्चित करेंगे और उसे एफडीए आयुक्त को देंगे. जिसकी जानकारी स्वास्थ्य सेवा निदेशक को दी जाएगी. वे इस योजना में समाविष्ट उत्पादक कंपनी से हर रोज दररोज निश्चित किए गए कीमत के मुताबिक 5 हजार इंजेक्शन की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे.