इस साल नहीं सुनाई दिया गोविंदा आला रे…

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  • कोरोना ने फेर दिया दहीहंडी पर पानी

मुंबई. जैसा सोचा गया था वैसा ही हुआ. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की सुबह मुंबई में उत्साह और जोश से मनाये जाने वाला दहीहंडी पर्व इस वर्ष कोरोना प्रकोप की भेंट चढ़ गया. गोविंदा पथकों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रतीकात्मक दही हंडी फोड़कर कोरोना संकट जल्द खत्म होने की कामना की.

गोविंदाओं ने की साफ सफाई, दिया प्लाज्मा दान

 दहीहंडी त्योहार के दिन ट्रकों पर बैठकर, गोविंदा आला रे की धुन पर नाचते हजारों की संख्या में गोविंदा मटकी फोड़ने के लिए सड़कों पर निकल पड़ते थे. मुंबई और ठाणे सहित अन्य शहरों में भी गोविंदा ऊंचे-ऊंचे पिरामिड लगाते दिख जाते थे. इस साल कोरोना संकट के कारण दहीहंडी उत्सव रद्द कर दिया गया. त्योहार रद्द होने से गोविंदाओं में निराशा देखी गई. इस लिए कई जगहों पर गदा का पूजन कर प्रतीकात्मक त्योहार मनाया गया. इस दौरान गोविंदाओं ने साफ सफाई और प्लाज्मा दान कर कोरोना हंडी फोड़ी.  

गोविंदा पथकों ने मनाया प्रतीकात्मक पर्व

दही हंडी उत्सव को साहसिक खेल का दर्जा मिला हुआ है. कोर्ट के निर्देश पर पिछले साल राज्य सरकार ने दही हंडी फोड़ने के लिए बनाए जाने वाले पिरामिड के लिए कुछ नियम और शर्तें लगा दी थी जिसके बाद पिरामिड की मंजिल कम कर दी गई थी. पिछले 48 साल से दहीहंडी उत्सव मनाने वाले प्रगति गोविंदा पथक के लोगों ने इस बार प्लाज्मा दान कर त्योहार मनाया. बाल गोपाल सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक जगह जमा हुए और गदा का पूजन कर बाहर नहीं निकलने का निर्णय लिया. विलेपार्ले क्लब महिला दहीहंडी गोविंदा पथक की अध्यक्ष गीता झगडे ने कहा कि हम 20 साल से गोविंदा मना रहे हैं. इस वर्ष 7 पिरामिड नहीं बना सके लेकिन अगले साल फिर उसी जोश से 7 स्तर का पिरामिड बनाने का रिकॉर्ड कायम रखेंगे. दादर, माझगांव के बड़े गोविंदा पथकों ने स्वास्थ्य उत्सव मनाया.  

सब जगह सन्नाटा रहा

सायन, माटुंगा, अंटापहिल परेल, लालबाग, वर्ली में भी दहीहंडी उत्सव जोरदार तरीके से मनाया जाता था, लेकिन इस वर्ष सब जगह सन्नाटा रहा. दही हंडी फोड़ने के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता लाखों का पुरस्कार रखते थे जिससे फोड़ने के लिए दूर-दूर से गोविंदा की टुकड़ी पहुंचती थी, लेकिन आयोजकों ने कोरोना संकट के कारण आयोजन से अपने हाथ पहले ही खींच लिए थे. आयोजन स्थल पर लाउडस्पीकर का जबरदस्त शोर, पानी बौछार के बीच पिरामिड बनाते गोविंदा, उन्हें देखने के लिए उमड़ने वाली भीड़ सब नदारद रहे. मुंबई में मनाये जाने वाली दही हंडी देखने विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते थे, कोरोना के कारण केवल दहीहंडी ही नहीं सभी को त्योहारों पर पानी फेर दिया है. कुछ स्थानों पर दहीहंडी चढ़ाई गई थी लेकिन उंचाई बहुत कम थी. छोटे बच्चों ने दो स्तर बना कर दही हंडी फोड़ कर त्योहार मना लिया.