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मुंबई. संत कबीर की जयंती के अवसर पर मुंबई विश्वविद्यालय के तहत डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर सामाजिक न्याय अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र के तत्वावधान में राष्ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा दौर में भी संत कबीर के विचार मायने रखते हैं. 

मुंबई विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के डॉ. हूबनाथ पांडेय की अध्यक्षता में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान में सामाजिक न्याय को बनाए रखने के लिए डॉ. आंबेडकर और संत कबीर के विचारों को जनमानस में पहुंचाने की जरूरत है. इससे सामाजिक न्याय की अवधारणा को मजबूती मिलेगी. इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर से डॉ. दिव्या ज्योति, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से डॉ.राजेश पासवान तथा मुंबई स्थित रामनिरंजन झुनझुनवाला महाविद्यालय से डॉ. अमिता वाल्मिकी ने आंबेडकर और कबीर की सामाजिक न्याय युक्त विचारों की महत्ता को विस्तार से समझाया.

कला संकाय के अधिष्ठाता डॉ. राजेश खरात ने विषय की भूमिका स्पष्ट की. इससे पूर्व डॉ. मृदुल निले के संयोजन में अनिरुद्ध वनकर ने कबीर के दोहों को संगीत देकर संगोष्ठी का शुभारंभ किया. मुंबई स्थित कीर्ति महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. हर्षद भोसले ने आयोजकों एवं ऑनलाइन संगोष्ठी मेंं भाग लेने वाले अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया.