बड़ी फिल्मों को रास नहीं आ रहा ओटीटी प्लेटफॉर्म

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  • दर्शकों पर प्रभाव नहीं छोड़ पा रहीं फिल्में

आनंद मिश्र

मुंबई. कोरोना महामारी ने लॉकडाउन लाकर सिनेमाघरों को भी लॉक कर दिया और इस हालात ने नई नवेली टेक्नॉलाजी से लैस ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लैटफॉर्म्स के अच्छे दिन ला दिए. यूं तो ओटीटी प्लैटफार्म पिछले साल से ही मनोरंजन के मार्केट में अपनी जगह बनाने की कोशिशों में लगा हुआ था और एक के बाद एक वेब सीरिज रिलीज हो रहे थे, पर थियेटरों और सिनेमाघरों की तालाबंदी ने बड़े बैनर की बड़ी फिल्में को भी ओटीटी पर रिलीज करने को मजबूर कर दिया.

ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि निर्माता और निर्देशकों को लगने लगा था कि लॉकडाउन का दौर जल्द खत्म नहीं होने वाला है और रिलीज के लिए तैयार फिल्मों को ज्यादा दिन तक नहीं रोका जा सकता है.पर ओटीटी प्लैटफार्म पर मजबूरी में रिलीज हुई ये फिल्में दर्शकों के दिलों में घर नहीं बना पाईं.

बॉक्स ऑफिस जैसा कोई मैकेनिजम नहीं

फिल्मी पंडितों का यही कहना है कि लॉकडाउन से लेकर अब तक जितनी भी फिल्में रिलीज हुईं, कमोबेश सभी फिल्मों ने फैंस को निराश ही किया है. हालांकि इसके बारे में भी विश्लेषकों में मतैक्य नहीं है. एक धड़ा यह कहता है कि चूंकि ओटीटी प्लेटफॉर्म में बॉक्स ऑफिस जैसा कोई मैकेनिजम नहीं होता. ऐसे में यह कहना सही नहीं होगा कि फिल्में उम्मीदों पर खरी नहीं उतरीं, जबकि दूसरे धड़े का कहना है कि बड़े परदे की फिल्में 70 परदे के लिए बनाई जाती हैं और जब इन्हें 6 इंच के मोबाईल या 50 इंच की टीवी पर देखा जाएगा तो निश्चित ही सिनेमा हॉल जैसा प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा.

बिग बी भी नहीं कर पाए इम्प्रेस

इस पर आगे बढ़ने से पहले आइए देखते हैं कि इस दरमियान कौन-कौन सी फिल्में ओटीटी प्लैटफॉर्म पर रिलीज हुईं और उन्हें दर्शकों का कैसा प्रतिसाद मिला. इसमें सबसे बड़ा नाम आता है मेगा स्टार अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ का.इसमें अमिताभ के साथ आयुष्मान खुराना भी थे और अमिताभ के लुक के चलते फिल्म को लेकर फैंस को बड़ी उम्मीदें थीं. पर उम्मीद के उलट फिल्म लोगों को उतना इंप्रेस नहीं कर पाई. सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ का भी यही हाल रहा, हालांकि ओटीटी प्लैटफॉर्म पर रिलीज इस फिल्म को दर्शकों की काफी सहानुभूति मिली और आईएमडीबी पर इसे 8.8 की रेटिंग मिली जो अब तक का रिकार्ड है.

‘सड़क-2’ के ट्रेलर ने बनाया डिस्लाइक का रिकॉर्ड

‘सड़क-2’ जैसी फिल्म तो नेपोटिज्म डिबेट की भेंट चढ़ गई, जिसके ट्रेलर ने सबसे ज्यादा डिस्लाइक का रिकार्ड बनाया और आलिया को काफी ट्रोल भी किया गया. विद्या बालन अभिनीत बायोपिक ‘शकुंतला देवी’ अमेज़ॉन प्राइम पर रिलीज हुई. इसे प्रशंसा तो मिली, पर प्यार नहीं मिला. जाह्नवी कपूर की फिल्म ‘गुंजन सक्सेना: द करगिल गर्ल’ को अपेक्षित रिस्पॉन्स नहीं मिला, जबकि फिल्म के फैक्ट्स को लेकर काफी विवाद भी हुआ और मामला कोर्ट तक पहुंचा. हालांकि पिता-बेटी के भावनात्मक रिश्तों पर बनी इस फिल्म को, खासकर पंकज त्रिपाठी की ऐक्टिंग की सराहना अवश्य हो रही है.इसी तरह बॉबी देओल की हालिया रिलीज ‘क्लास ऑफ 83’का ट्रेलर काफी पसंद किया गया था, जिसमें बॉबी का लुक दमदार और स्ट्रॉन्ग दिखा, पर फिल्म में वो क्लास नहीं दिखा जिसका दर्शक उम्मीद कर रहे थे.

फिल्में कब आईं और चली गई पता ही नहीं चला

 यही हाल कुछ और फिल्मों का रहा और फिल्में कब आईं और चली गई पता ही नहीं चला. नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म ‘घूमकेतु’ से भी फैंस को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन नवाज की अच्छी ऐक्टिंग के बावजूद ये फिल्म नहीं चल पाई. जैकलीन फर्नांडिज की फिल्म ‘मिसेज सीरियल किलर’ कब रिलीज हुई और कब चली गई, किसी को पता भी नहीं चला. परेश रावल के बेटे आदित्य ने फिल्म बमफाड़ से करिअर का श्रीगणेश किया पर यह बम इतना धीमा फटा कि किसी को भी सुनाई नहीं पड़ा.

क्या कहते हैं फिल्म समीक्षक

इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया में वरिष्ठ फिल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज ने बताया कि चूंकि ओटीटी प्लेटफॉर्म में बॉक्स ऑफिस कलेक्शन जैसा कोई सिस्टम फिलहाल नहीं है, तो सिर्फ सोशल मीडिया के संदेशों के आधार पर किसी फिल्म को कामयाबी या नाकामयाबी का सर्टिफिकेट देना सही नहीं जान पड़ता है.जबकि एक अन्य फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम ने कहा कि कोई फिल्म 70 एमएम स्क्रीन को ध्यान में रखकर बनाई जाती है, ऐसे में उसे 6 इंच के मोबाइल या 40-50 इंच के टीवी पर देखने से दर्शकों को वो मजा नहीं आता है.

क्या होता है ओटीटी प्लैटफॉर्म  

बिना केबल या सेटेलाइट प्रोवाइडर के हाई स्पीड इंटरनेट से टीवी और फिल्म कंटेंट देखने की सुविधा देने वाले सिस्टम को ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लैटफॉर्म कहा जाता है.भारत में प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म हॉटस्टार, अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स, वूट, जी 5, सोनी लाइव, एमएक्स प्लेयर है. इस सर्वे के मुताबिक भारत में अभी हॉट स्टार सबसे ज्यादा देखा जा रहा है. फिल्‍मों या वेब सीरीज रिलीज करने के लिए ओटीटी को फिल्मों के अधिकार खरीदने होते हैं. हालांकि इसमें बॉक्स ऑफिस जैसा सिस्टम नहीं होता है.