बिजली बिल के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग

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  •  वसई में भाजपा ने किया आंदोलन
  • दूध और दूध पाउडर पर सब्सिडी की मांग

वसई. कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान वसई- विरार क्षेत्र में बिजली आपूर्ति करने वाली महावितरण की ओर से उपभोक्ताओं को भेजे गए भारी-भरकम बिल और दूध की घटती कीमतों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आंदोलन किया. यह आंदोलन वसई पश्चिम स्थित पारनाका में किया गया. 

आंदोलनकारियों का कहना था कि गाय के दूध पर 10 रुपये प्रति लीटर और दूध पाउडर पर 50 रुपए प्रति किलो सब्सिडी मिलनी चाहिए. इसके अलावा सभी सामान्य मजदूर, व्यापारी, कारखाना मालिक, मजदूर, किसान, मच्छी व्यवसाइयों को महावितरण द्वारा मनमाना बिजली बिल भेजा गया है. भाजपा कार्यकर्ताओं ने ठाकरे सरकार से मांग करते हुए कहा कि विद्युत विभाग द्वारा बढ़ाकर भेजे गए बिल को रद्दकर उन्हें संशोधित बिजली बिल भेजा जाए. इस आंदोलन के दौरान उस मार्ग से गुजरने वाले सभी वाहनों की आवजाही पूरी तरह बाधित रही.

नायब तहसीलदार को सौंपा पत्र

केंद्र द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से, 90,000 करोड़ रुपये सभी राज्यों में बिजली वितरण कंपनियों को दिए गए हैं, जिसमें से 3,000 करोड़ रुपये महाराष्ट्र को मिले हैं. जिससे बिजली ग्राहकों की सहायता करने की मांग वसई- विरार भाजपा जिलाध्यक्ष राजन नाईक ने की.बाद में  आंदोलन स्थल पर पहुंचे नायब तहसीलदार हेलकर को लोगों ने अपना मांग पत्र सौंंपा. इस दौरान मुख्य रूप से भाजपा उपाध्यक्ष श्याम पाटकर, राजन नाईक, राजू म्हात्रे, मनोज बारोट, महेंद्र पाटिल, उत्तम कुमार व युवा मोर्चा अध्यक्ष अभय कक्कड़ सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता एवं बिजली उपभोक्ता उपस्थित रहे.