कल से अस्तित्व में आएगा पुलिस आयुक्तालय

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  • साल भर पहले मीरा-भायंदर, वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय को मिली थी मंजूरी 

अनिल चौहान

भायंदर. मीरा-भायंदर,वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय में एक अक्टूबर से कामकाज आरंभ हो जाएगा. ग्रामीण पुलिस का हिस्सा रहे दोनों शहरों में पुलिस आयुक्तालय अस्तित्व में आने के बाद अनैतिक धंधों, अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगेगा. नया पुलिस आयुक्तालय ठाणे ग्रामीण और पालघर पुलिस अधीक्षक के कार्यक्षेत्र को विभाजित कर बनाया गया है.इसमें दोनों शहरों के 13 थाने समाहित किये गये हैं, जबकि 7 नए थाने प्रस्तावित हैं. 

 3400 पुलिस बल के साथ शुरुआत

आयुक्तालय का मुख्यालय मीरा रोड के राम नगर में बनाया गया है. भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी सदानन्द दाते को पहला कमिश्नर होने का गौरव प्राप्त हुआ है.4708 अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जानी थी. अभी करीब 3400 पुलिस बल के साथ आयुक्तालय का कामकाज शुरू किया जा रहा है. इसमें 400 नए पुलिस बल की तैनाती शामिल है. बढ़ती आबादी और अपराध के मद्देनजर मीरा-भायंदर को पुलिस आयुक्तालय बनाने की मांग लंबे समय तक चली.आर-आर पाटिल(आबा) जब गृह मंत्री थे,तब मीरा-भायंदर तथा वसई-विरार के कुछ थानों को मिलाकर सागरी पुलिस आयुक्तालय बनाने की बात चली थी.फिर मीरा-भायंदर को ठाणे पुलिस आयुक्तालय से जोड़ देने की बात चली.आखिर में 13 सितंबर 2019 को मीरा-भायंदर,वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय को मंजूरी दे दी गई.

 3 जोन, 5 डीसीपी और 1 एडीशनल सीपी 

 पुलिस आयुक्तालय में 3 जोन, 5 डीसीपी और एक एडीशनल सीपी हैं. एस.जयकुमार पहले एडिशनल सीपी नियुक्त किये गए हैं.पुलिस आयुक्तालय अस्तित्व में आने के बाद पुलिस का अधिकार बढ़ गया है. नागरिकों को एसपी ऑफिस से संबंधित कामकाज के लिए अब ठाणे आने-जाने से छुटकारा मिल गया है. हालांकि जब तक मीरा रोड में कोर्ट शुरू नहीं हो जाता तब तक जमानत आदि कोर्ट से संबंधित कामकाज के लिए ठाणे कोर्ट ही जाना पड़ेगा.

जाने पहले पुलिस आयुक्त को

सदानंद दाते 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वे मुंबई पुलिस में क्राइम ब्रांच चीफ और जॉइंट सीपी (लॉ एंड आर्डर) जैसे प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं. 26/11 आतंकवादी हमले के दौरान वे पहले अधिकारी थे, जो कामा अस्पताल में अंदर घुसे थे. राष्ट्रपति पदक से सम्मानित दाते इससे पहले केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत थे.