‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न’ योजना की अवधि 6 महीने बढ़ाया जाए

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मुंबई. मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई एनजीओ, संगठनों, सामाजिक संस्थाओं और मंचों ने राज्य सरकार से गरीबों के लिए वितरित किए जाने वाले राशन योजना की अवधि 6 महीने बढ़ाने की मांग की है जो नवम्बर महीने में समाप्त हो रहा है. इसके लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के संबंध में विभिन्न मांगों की पूर्ति के लिए “अन्न अधिकार अभियान- महाराष्ट्र” और “रोज़ी रोटी अधिकार अभियान” ने राष्ट्रीय स्तर पर एक्शन दिवस मनाया और जिलाधिकारियों, तहसीलदारों और यहाँ तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर कहा है कि जब एक ओर वर्तमान में देश में खाद्यान्न भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और दूसरी ओर लोग भुखमरी से मर रहे हैं, ऐसे में गरीबों को अन्न का वितरण रोकना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा.   

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना नवंबर में समाप्त होने वाली है. इस योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013) के तहत वांछित राशन कार्ड धारकों को अतिरिक्त 5 किलो राशन प्रति व्यक्ति प्रति माह, तथा एक किलो चना प्रति परिवार नि:शुल्क दिया जा रहा है. इस योजना को नवंबर 2020 से आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है, जबकि कोविड महामारी का खौफ अब भी कायम है और आजीविका पर अनिश्चितता रिकॉर्ड स्तर पर बेरोज़गारी के साथ बनी हुई है.

उपयोगी साबित हुई योजना

 मानवाधिकार कार्यकर्ता और अन्न अधिकार अभियान की सीनियर मेम्बर मुक्ता श्रीवास्तव ने बताया नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत सूचीबद्ध 80 करोड़ भारतीयों के लिए, प्रधानमंत्री ग्रामीण कल्याण अन्न योजना एक बहुत ही आवश्यक क्योंकि लॉकडाउन के बाद आर्थिक संकट का मुकाबला करने में यह योजना लोगों के लिए उपयोगी साबित हुई है. उन्होंने याद दिलाया कि अधिकांश प्रवासी कामगारों के पास राशन कार्ड नहीं हैं और इसलिए वे इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से उपलब्ध भंडारों के अनुमानों से संकेत मिलता है कि पीडीएस को सार्वभौमिक बनाने और एक साथ 6 महीने के लिए इस योजना का विस्तार करना संभव है.

कई संगठनों ने लिखा पत्र

 उन्होंने कहा कि महिला अत्याचार विरोधी मंच, श्रमिक मुक्ति संघटना, कष्टकरी संघटना, सर्वहारा जन आंदोलन, राशनिंग कृति समिति, रेशन बचाओ समिति, लेबिया, घर बचाओ- घर बनाओ आंदोलन, महराष्ट्र हॉकर्स फेडरेशन, महिला राजसत्ता फेडरेशन, युवाल मंडल, भारतीय महिला फेडरेशन, श्रमिक जनता संघ आदि संगठनों ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर योजना को 6 महीने और बढ़ाने का अनुरोध किया है.