Prakash Ambedkar
प्रकाश अंबेडकर (फ़ाइल फोटो)

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मुंबई. केंद्र सरकार की नीतियों की लगातार विरोध करने की वजह से महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार को दिसंबर के पहले बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है. इस तरह की आशंका वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने जतायी है.

 एक चैनल से बातचीत के दौरान आंबेडकर ने कहा कि कोविड की रोकथाम और परिस्थितियों से निपटने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देश का पालन राज्य सरकार ने सही तरीके से नहीं किया. जिसकी वजह से केंद्र सरकार राज्य की उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार से नाराज है.केंद्र सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया के तहत धीरे-धीरे सब कुछ शुरू करने की अनुमति दी है, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक मंदिरों और स्कूलों को खोलने बाबत निर्णय नहीं लिया है. यही नहीं मुंबई के लोगों के लिए लोकल ट्रेन शुरू करने का प्रस्ताव भी अभी तक केंद्र सरकार के पास नहीं भेजा है. कुछ दिनों पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मुंबई में कहा था कि लोकल को लेकर राज्य सरकार निरुत्साही है. महाविकास आघाड़ी सरकार ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के क्रियान्वयन का विरोध किया है. संविधान के मुताबिक राज्य सरकार केंद्र के विरोध में नहीं जा सकती है. इस सब को देखते हुए बिहार चुनाव के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होना है.

 क्यों रद्द हुई एमपीएससी की परीक्षा?

वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर  ने एक जाति के लिए एमपीएससी की परीक्षा रद्द किए जाने पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि ठाकरे सरकार ने 11 अक्टूबर को होने वाली एमपीएससी की परीक्षा रद्द कर दी. इससे मराठा जाति के लोग खुश हो सकते हैं, लेकिन 85 प्रतिशत लोगों में नाराजगी है. ठाकरे सरकार ने मराठा आंदोलन में शामिल लोगों को भी विश्वास में नहीं लिया.