- रेल इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार में होगी वृद्धि
- रेलवे का स्पष्टीकरण
मुम्बई. भारतीय रेल मात्र 5 प्रतिशत ट्रेनें निजी ऑपरेटर को चलाने के लिए देगी, जो वर्तमान में चल रही ट्रेनों से अतिरिक्त होगी. ऐसा स्पष्टीकरण रेलवे की ओर से दिया गया है.इस विषय पर नवभारत में प्रकाशित लेख “डाटा बेचा,कोयला बेचा,अब ट्रेन भी बेच रहे” के सम्बंध में मध्य रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार ने कहा कि भारतीय रेल द्वारा केवल 5 प्रतिशत ट्रेनें ही प्राइवेट ऑपरेटर को चलाने के लिए आरएफक्यू आमंत्रित किये हैं,जो कि वर्तमान में चल रही ट्रेनों से एक्स्ट्रा होंगी. इसके साथ 95 प्रतिशत ट्रेनों का परिचालन आधुनिक नई तकनीक से सुसज्जित कर किया जाएगा व उनकी संख्या में वृद्धि भी की जाएगी.
इसके साथ ही भारतीय रेल 44 वन्देभारत जैसी आधुनिक ट्रेनों का परिचालन भी स्वंय करेगा. मध्य रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार ने स्पष्ट किया कि भारतीय रेल द्वारा न तो ट्रेनों को बेचा जा रहा है, न ही उसका प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है. रेलवे बोर्ड ने भी स्पष्ट कहा है कि इन 5 प्रतिशत प्राइवेट ट्रेनों के परिचालन से न तो वर्तमान में चल रही गाड़ियों के किराए में किसी प्रकार की वृद्धि की जाएगी और न ही किसी प्रकार के रोजगार में कमी होगी बल्कि नया इंफ्रास्ट्रक्चर आने से रोजगार में वृद्धि होगी.सीपीआरओ सुतार ने कहा कि निजीकरण के नाम पर कुछ मीडिया में लेख के जरिए पाठको में भ्रम फैलाने का प्रयास हो रहा है, जबकि रेलवे का निर्णय देश व यात्रियों के हित में लिया गया है.