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  • पूरी क्षमता के साथ चलेगी लोकल
  • 80 की जगह 22 लाख यात्री कर सकेंगे यात्रा !

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मुंबई. सवा सात माह से आम यात्रियों के लिए बंद मुंबई लोकल (mumbai Local) के दरवाजे आम लोगों के लिए खोलने रेलवे सशर्त तैयार हो गई है. आम लोगों के लिए अलग-अलग समय में लोकल ट्रेन चलाने के राज्य सरकार के प्रस्ताव का जवाब देते हुए मध्य व पश्चिम रेल प्रशासन ने कहा है कि यदि पूरी क्षमता के साथ मुंबई लोकल की सभी फेरियों को संचालित किया जाता है, तो मौजूदा कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार लगभग 22 लाख लोग ही यात्रा कर सकेंगे.

पश्चिम रेलवे पर चलेंगी 1377 फेरी

पश्चिम रेलवे के मुख्य प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने कहा कि पश्चिम रेलवे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस समय 704 लोकल फेरी चला रही है. लगभग 4 लाख लोग इस समय यात्रा कर रहे हैं. यदि 10 एसी सहित सभी 1367 लोकल फेरियां चलाई जाती हैं तो कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार लगभग 9.60 लाख लोग ही यात्रा कर सकेंगे, जबकि कोविड के पहले लगभग 35 लाख लोग यात्रा करते थे. रेलवे का कहना है कि लोकल में प्रति फेरी 700 लोगों को ही फिलहाल यात्रा की इजाजत दी जा सकती है, इसलिए यदि स्टेशन पर अतिरिक्त भीड़ होती है तो जीआरपी, आरपीएफ की मदद के लिए राज्य सरकार को अतिरिक्त इंतजाम करने होंगे.

मध्य रेलवे पर चलेंगी 1774 फेरियां

मध्य रेलवे के माध्यम से भी राज्य सरकार को भेजे पत्र में कहा गया है कि मेन, हार्बर व ट्रांस हार्बर पर पोस्ट कोविड की तरह 1774 फेरियां चलाने की तैयारी है, परन्तु कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार प्रतिदिन लगभग 12.50 लाख यात्री ही यात्रा कर सकेंगे. उल्लेखनीय है कि कोरोना के पहले मध्य रेलवे पर चलने वाली 1774 लोकल फेरियों में लगभग 45 लाख लोग रोजाना यात्रा करते थे.

मध्य रेलवे की ओर से भी राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इस समय चलाई जा रही 706 लोकल फेरियों में लगभग 4.57 लाख लोग यात्रा कर रहे हैं. हर घंटे लेडीज स्पेशल ट्रेन छोड़ने को लेकर राज्य सरकार के सुझाव को रेलवे ने कहा है कि इससे समस्या का समाधान नहीं होगा, प्लेटफार्म पर भीड़ बढ़ने से  सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाएगा. रेलवे ने टाइम स्टेगरिंग, सभी के लिए टिकट देने खिड़की पर आने वाली समस्या,  सोशल डिस्टेंसिंग आदि पर अपनी तरफ से कई सवाल व सुझाव राज्य सरकार के समक्ष रखा है.

पीक ऑवर में चलते रहे हैं 4500 यात्री

उल्लेखनीय है कि कोविड के पहले एक लोकल ट्रेन में पीक ऑवर के दौरान 4500 यात्री लोकल ट्रेनों में यात्रा करते रहे हैं. इस तरह मध्य व पश्चिम रेलवे पर रोजाना लगभग 80 लाख लोगों का भार लोकल ढोती रही है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार सभी लोकल चलने से  इस समय स्टेशनों पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कानून व्यवस्था की समस्या हो सकती है, इसलिए राज्य सरकार के साथ सुझाव साझा कर तैयारी की जा रही है. 

चल रहीं 1410 फेरियां

22 मार्च से पूरी तरह बंद की गई लोकल 15 जून से अत्यावश्यक कर्मचारियों के लिए शुरू की गई. मुंबई लोकल में अत्यावश्यक कर्मचारियों के अलावा दिव्यागों, कैंसर रोगियों, डब्ब्वाला, निजी सुरक्षा रक्षकों, वकीलों के अलावा नॉन पीक ऑवर में महिलाओं को भी परमिशन दी गई है. पश्चिम व मध्य रेलवे पर इस समय 1410 फेरियां चलाई जा रहीं हैं.

राज्य सरकार का टाइम स्टैगरिंग का निर्णय

सभी के लिए लोकल शुरू होने पर अत्यधिक भीड़ न हो, इसके लिए राज्य सरकार ने  टाइम स्टैगरिंग के आधार पर लोकल चलाने की सिफारिश रेलवे से की है. राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार तड़के लोकल शुरू होने से सबेरे 7.30 बजे तक सभी लोगों को लोकल में यात्रा में यात्रा करने दी जाय. सबेरे 8 से 10.30 बजे तक सिर्फ अत्यावश्यक कर्मचारियों को यात्रा की इजाजत हो. उसके बाद फिर सबेरे 11 से 4.30 बजे तक सभी लोगों के लिए लोकल छोड़ी जाय. शाम 5 से 7.30 बजे तक अत्यावश्यक कर्मचारियों को लोकल में परमिशन हो और रात को 8 बजे से अंतिम लोकल तक सभी लोगों के लिए लोकल के दरवाजे खोल दिए जाएं. राज्य सरकार के इस सुझाव पर रेलवे ने भी अपनी तरफ से तैयारी करते हुए  सुझाव भेजा है.