आदिवासी पाड़ों में घुसा बारिश का पानी

Loading

  • जीवनावश्यक वस्तुओं की सप्लाई पर भी असर

राधा कृष्णन सिंह

नालासोपारा. वसई तालुका में सोमवार की रात से शुरू मूसलाधार बारिश के चलते विरार के बिरसा मुंडा पाडा, सतपाला, भईगांव मोरी आली, खारटण आदिवासी पाडा, गिरीज भडाले पाडा, आदिवासी समाज्य पाड़ा क्षेत्र में पानी भरने से लोगों का भारी नुकसान हुआ है. सबसे बुरा हाल नालासोपारा पश्चिम से राजोड़ी मार्ग पर स्थित आदिवासी एकता परिषद गांव का है. 

लगातार बारिश के कारण इस क्षेत्र का रास्ता पूरी तरह से बन्द है. जीवनावश्यक सामानों की खरीदी के लिए छोटे बच्चों, वरिष्ठ नागरिक व महिलाओं को पानी के बीच से गुजरकर जाना पड़ रहा है. इस मामले लो लेकर किसी भी अधिकारी द्वारा क्षेत्र का निरीक्षण व उपाय योजना नहीं किए जाने से आदिवासी समाज के लोगों में नाराजगी व्याप्त है. 

संक्रामक बीमारियां फैलने की आशंका

आदिवासी एकता परिषद गांव के लोगों का कहना है कि इस गांव में कुल 43 परिवार रहते हैंं. इसके बावजूद इस क्षेत्र से विकास कोसों दूर है. साफ- सफाई न होने के कारण लोगों में संक्रामक बीमारी फैलने का भय हमेशा बना रहता है सुविधा के अभाव में लोग दुखभरी जिंदगी जीने को मजबूर हैंं. ऐसे में बरसात का पानी जमा होने से क्षेत्र के रहिवसियोंं की हालत बद से बदतर हो गई है.

चुनाव के बाद रास्ता भूल जाते हैं नेता

 क्षेत्र में नेता सिर्फ चुनाव के दौरान वोट मांगने आते हैंं, उसके बाद वे गांव का रास्ता ही भूल जाते हैंं. किसी को हमारी परेशानी से कोई सरोकार नहीं है, जिसका खामियाजा हम इतने वर्षों से भुगत रहे हैं.हमारी सुधि लेने वाला कोई नहीं है.

नेताओं से मिलता है सिर्फ आश्वासन

स्थानीय निवासी भरत सिंगाड़े ने कहा कि लॉकडाउन के समय से ही गांव के लोग तकलीफ में चल रहे हैंं. इस क्षेत्र में नेताओं का आगमन होता है तो हमारी समस्या सुनकर हमें आश्वासन जरूर देते हैं, लेकिन करते कुछ नहीं. हमारे ऊपर ना ग्राम पंचायत ध्यान देती है, ना ही वसई- विरार महानगरपालिका.आज परिवार के सामने भुखमरी के हालात हैंं. लेकिन अब तक हमारी सुधि लेने वाला कोई नजर नहीं आया.

पंचनामा कर नुकसान भरपाई हो

इस संदर्भ में आदिवासी एकता परिषद के वसई तालुका अध्यक्ष दत्ता सांबरे व सचिव प्रकाश जाधव ने शासन से मांग की है कि वह तत्काल सभी आदिवासी पाड़ो का निरीक्षण व पंचनामा कर उनके हुए नुकसान की भरपाई करे.