- हिंदी संस्कृति, संस्कार और प्रेम की भाषा है
मुंबई. उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मसम्मान की परिभाषा है. हिंदी उन राष्ट्रीय मूल्यों की भी प्रतीक है, जो हमें अपनी समृद्ध विरासत और राष्ट्रीय आंदोलन से प्राप्त हुए है. इन्हीं कारणों से हिंदी पूरे देश की संपर्क भाषा, जन भाषा के रूप में विविधता में एकता की भावना को परिलक्षित करती है. मुख्यालय में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि हिंदी ने अपना लंबा सफर तय किया है और अब सूचना तकनीक के विभिन्न माध्यमों से इस भाषा का तेजी से प्रसार हो रहा है.
गौरतलब है कि उत्तर मध्य रेलवे का कार्यक्षेत्र सुविख्यात हिंदी साहित्यकारों की जन्मस्थली और कर्मस्थली भी रही है और इस क्षेत्र में हिंदी समृद्ध और परिष्कृत हुई है. चौधरी ने गाँधी जी के जीवन, कर्म और दर्शन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी महात्मा गांधी जी के स्वराज का वास्तविक प्रतीक है. उत्तर मध्य रेलवे में महात्मा गांधी जी की 150वीं वर्षगांठ को सामुदायिक सेवा दिवस के रूप में मनाया गया है और गत वर्ष 11 सितंबर से 2 अक्टूबर तक ‘स्वच्छता ही सेवा’ नाम से इसे एक मिशन के रूप में आयोजित किया गया. उन्होंने कहा कि आगामी 2 अक्टूबर तक आयोजित किए जाने वाले विभिन्न स्वच्छता कार्यों और कार्यक्रमों के द्वारा हम माननीय प्रधान मंत्री के आवाहन पर राष्ट्रपिता के सपनों के भारत की ओर आगे बढ़ने की दिशा में कदम तय कर रहे हैं. चौधरी ने कहा कि उत्तर मध्य रेलवे में राजभाषा के प्रयोग प्रसार में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं.
हिंदी संस्कृति एवं संस्कार की भाषा
इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि, उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ऑनलाइन संबोधन में महात्मा गाँधी जीवन दर्शन एवं हिंदी पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी संस्कृति एवं संस्कार की भाषा है. उन्होंने कहा कि हिंदी राष्ट्रीय आंदोलन एवं स्वतंत्रता संग्राम के दिग्घोष की भाषा है. हिंदी अपनी शब्द-भाव-ज्ञान संपदा के बल पर पूरी दुनिया में छा गई है. भारत का समाजिक जीवन रिश्तों एवं संबंधों में संगठित है. हमारे विभिन्न रिश्तों और नातों के नाम और उनमें छिपी प्रेम, स्नेह और आशीष एवं आदर की भावनाएं एवं अनुभूतियां हिंदी और भारतीय भाषाओं में जिस तरह व्यक्त होती हैं, वैसी किसी अन्य भाषा में कभी संभव नहीं है. हिंदी और भारतीय भाषा की इसी परिकल्पना द्वारा हमारी भारतीय संस्कृति पूरी दुनिया को पृथ्वी माता और वसुधैव कुटुंबकम मानती है. दीक्षित ने इस बात पर बल दिया कि हिंदी और भारतीय भाषाओं में अत्यंत श्रेष्ठ साहित्य उपलब्ध है, आवश्यकता इनके बीच सुचारु और स्तरीय अनुवाद की है. इस अवसर पर मुख्य राजभाषा अधिकारी महेन्द्र नाथ ओझा ने मुख्य अतिथि हृदय नारायण दीक्षित का स्वागत किया और कहा कि दीक्षित एक श्रेष्ठ साहित्यकार एवं मनस्वी लेखक, विचारक और आदर्श राजनीतिज्ञ हैं. ओझा ने उत्तर मध्य रेलवे में राजभाषा हिंदी के प्रयोग-प्रसार बढ़ाने के लिए किए गए अभिनव प्रयासों और कार्यों की जानकरी दी.
रेल संगम का विमोचन
इस अवसर पर महाप्रबंधक राजीव चौधरी द्वारा उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय की पत्रिका रेल संगम का विमोचन किया गया और विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया. कार्यक्रम का संचालन चन्द्र भूषण पाण्डेय, वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी ने किया तथा उप मुख्य राजभाषा अधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह द्वारा आभार प्रकट किया गया. इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक रंजन यादव तथा प्रधान विभागाध्यक्ष, अधिकारी एवं कर्मचारीगण कार्यक्रम में ऑनलाइन उपस्थित थे.