File Photo
File Photo

Loading

  • सर्वार्थसिद्धि योग, दीर्घायु आयुष्मान योग
  • भद्रा के बाद दिन भर राखी बांधने का मुहूर्त
  • प्रीति योग बढ़ाएगा देश में सामाजिक सद्भाव

भानु प्रकाश मिश्र

मुंबई. अनादिकाल से रक्षाबंधन का त्योहार सावन माह की पूर्णिमा पर मनाया जाता है. इस साल सावन की पूर्णिमा पर पांचवें और आखिरी सोमवार के साथ रक्षाबंधन का त्योहार पड़ रहा है. भाई-बहन के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन पर इस वर्ष कई अनूठे संयोग बनने से यह पर्व खास होने जा रहा है. इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थसिद्धि योग और दीर्घायु आयुष्मान योग का शुभ संयोग बन रहा है. इसके साथ ही सूर्य शनि का समसप्तक योग, सोमवती पूर्णिमा, मकर का चंद्रमा, श्रवण नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और प्रीति योग बन रहा है. इसके पहले यह संयोग साल 1991 में बना था. गुरु और शनि भी स्वराशि में विराजमान हैं. इस संयोग को कृषि क्षेत्र के लिए विशेष फलदायी माना जा रहा है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार रक्षाबंधन पर ऐसा शुभ संयोग 29 साल बाद आया है. इस साल भद्रा और ग्रहण का साया भी रक्षाबंधन पर नहीं पड़ रहा है, जिससे राखी बांधने का 12 घंटे का मुहूर्त मिल रहा है.

सावन मास की शुरुआत सोमवार के साथ हुई थी और सोमवार के ही दिन पूर्णिमा के साथ समापन भी हो रहा है. 5 सोमवार पड़ने से श्रावण माह खास हो गया था. पूर्णिमा पर चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे. इस दिन सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक प्रीति योग भी बन रहा है. इसके बाद से आयुष्मान योग शुरू हो जाएगा. चंद्रमा को पूर्णिमा का देवता माना जाता है और सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित हैं. इसलिए ये पूर्णिमा और सोमवार का अद्भुत संयोग है. इसे सौम्या तिथि माना जाता है.

मुंबई में रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

रविवार 2 अगस्त की रात 9:28 मिनट बजे से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो रही है जो 3 अगस्त को रात 9:27 मिनट तक रहेगी.

रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय प्रातः 09:28 से रात्रि 09:23 बजे तक.

रक्षाबंधन के लिये अपराह्न का मुहूर्त दोपहर 02:14 से शाम 04:16 बजे तक.

रक्षाबंधन के लिये प्रदोष काल का मुहूर्त शाम 07:09 से 09:23 बजे तक.

भद्रा पूंछ प्रातः 05:16 से 06:28 बजे तक.

भद्रा मुख प्रातः 06:28 से 08:28 बजे तक.

भद्रा का अंत समय सुबह 09:28 बजे तक.

भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए

पं. आशीष कुमार तिवारी के अनुसार भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए. सुबह 09:29 बजे के बाद पूरे दिन राखी बांध सकते हैं. 3 तारीख को सुबह 7.30 बजे के बाद पूरे दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा. रक्षाबंधन पर गुरु अपनी राशि धनु में और शनि मकर में वक्री रहेगा. इस दिन चंद्र भी शनि के साथ मकर में रहेगा. ऐसा योग कई साल पहले बना था. इस बार रक्षाबंधन पर राहु मिथुन राशि में, केतु धनु राशि में है.

इस वर्ष वर्चुअल राखी बांधे

महामारी कोरोना को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का अवश्य पालन किया जाना चाहिए. मैं तो कहूंगी की बहनें वर्चुअल राखी ही बांधे. ऑन लाइन तकनीक का फायदा उठाते हुए त्योहार मनाएं और अपने परिवारों को कोविड से सुरक्षित भी रखें. -डॉ. पुष्पा सिंह, अध्यक्ष उत्तर क्षेत्रीय महिला मंच

भाई-बहन का रिश्ता अटूट है

कोरोना ने जिस कदर से कहर मचाया है उसको देखते हुए सावधानी जरूरी है. जिंदगी रही तो अगले साल घर जाकर बहनें राखी बांधेगी. वैसे भाई-बहन का रिश्ता तो अटूट है. इसे कोरोना तो क्या उसका बाप भी नहीं तोड़ पायेगा. सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करते हुए एक दूसरे की भावनाओं को समझना होगा. -डॉ. अजंता यादव, अध्यक्ष मुंबई महिला कांग्रेस

जिंदगी रही तो राखियां बंधती रहेगी

वैश्विक महामारी कोरोना के इस संकट काल में जीवन को स्वस्थ और सुरक्षित रखना सर्वोपरि है. यदि जिंदगी रही तो राखियां बंधती रहेंगी. इस समय सोशल डिस्टेंसिंग सबसे आवश्यक है. भाई बहन का प्यार रक्षाबंधन सलामती के लिए ही मनाया जाता है, इसलिए दोनों सलामत रहें इसका ध्यान रखना होगा. -सुनीता सिंह, उपाध्यक्ष, उत्तर क्षेत्रीय महिला मंच

प्रेम की डोर से बांधे ऑन लाइन राखी

वर्तमान कोरोना संकट को देखते हुए सामाजिक दूरी का पालन किया जाना चाहिए. भाई बहन का प्रेम इतना पावन होता है कि वह दूर से भी दृष्टिगोचर होता है. भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की साड़ी दूर से ही बढ़ाई थी. तकनीक का प्रयोग करते हुए ऑन लाइन बात करते हुए भाई स्वयं बहन के सामने राखी बांध लें. – राधे मां, धर्मगुरु