रिजर्व बैंक ने बैंकों से लीबोर की जगह वैकल्पिक संदर्भ दर अपनाने को कहा

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    मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India)  ने बृहस्पतिवार को बैंकों और वित्तीय संस्थानों (Banks and Financial Institutions) से नये वित्तीय अनुबंधों (Financial Contracts) के लिये संदर्भ दर के रूप में लीबोर (London Inter bank Offered Rate) के बजाए व्यापक स्तर पर स्वीकृत अन्य वैकल्पिक संदर्भ दर का उपयोग करने को कहा। रिजर्व बैंक का यह निर्देश ब्रिटेन (Britain) के फाइनेंशियल कंडक्ट ऑथोरिटी (FCA) के एक निर्णय के बाद आया है। इसके तहत पांच मार्च, 2021 को घोषणा की गयी थी कि सभी लीबोर सेटिंग्स या तो किसी भी प्रशासक द्वारा प्रदान करना बंद कर दिया जाएगा अथवा अब प्रतिनिधि दर नहीं होगा।

    आरबीआई ने उभरती स्थिति से निपटने के लिये बैंकों और वित्तीय संस्थानों को संदर्भ दर के रूप में लीबोर के आधार पर नये वित्तीय अनुबंध करने से मना किया है। इसके बजाय यथाशीघ्र और किसी भी स्थिति में 31 दिसंबर, 2021 तक व्यापक रूप से स्वीकृत कोई भी वैकल्पिक संदर्भ दर (एआरआर) का उपयोग करने को कहा है।

    केंद्रीय बैंक ने वित्तीय संस्थानों को यह सुझाव दिया कि उन सभी वित्तीय अनुबंधों में वैकल्पिक दर को लेकर उपबंध शामिल करना चाहिए जो लीबोर संदर्भ दर से जुड़ा है और जो लीबोर सेटिंग्स की घोषित समाप्ति तिथि के बाद परिपक्व होता है।

    आरबीआई ने वित्तीय संस्थानों को मुंबई इंटरबैंक फॉरवर्ड आउटराइट रेट (एफआईएफओर) का उपयोग 31 दिसंबर, 2021 तक बंद करने की भी सलाह दी है, जो एक मानक दर है और लीबोर से जुड़ा है। (एजेंसी)