मराठा आरक्षण पर SC में पुनर्विचार याचिका

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  • अंतरिम आदेश को वापस लेने की अपील 

मुंबई. महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण पर अंतरिम बैन के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में साल 2020-21  के लिए नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा आरक्षण पर अंतरिम रोक लगा दी है. 

इस फैसले के बाद महाराष्ट्र के कई शहरों में मराठा आरक्षण को लेकर फिर से आंदोलन शुरू हो गए हैं. इस आंदोलन से जुड़े नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण को बचाने के लिए ठाकरे सरकार से ठोस पहल की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में ठाकरे सरकार की पुनर्विचार याचिका इसी दिशा में कवायद है.

पहले सीएम फिर पवार से मिले चव्हाण 

मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद मराठा आरक्षण उप समिति के अध्यक्ष और पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके  आधिकारिक निवास वर्षा पर बैठक की. इन दोनों नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण के सवाल को मजबूती से रखने के अलावा राज्य में हो रहे आंदोलन पर चर्चा की. इसके बाद चव्हाण ने सरकार की रणनीति से एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को अवगत कराने के लिए नरीमन पॉइंट स्थित वाय.बी.चव्हाण सेंटर में उनसे मुलाक़ात की. सूत्रों के मुताबिक चव्हाण ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका के तथ्यों के बारे में पवार को जानकारी दी है. 

आरक्षण दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार  कटिबद्ध

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के कई शहरों में आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है. इस वजह से महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पवार के  साथ बैठक ख़त्म होने के बाद चव्हाण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हम इस बार पूरी तैयारी के साथ गए हैं. उन्होंने एक बार फिर दोहराया है कि मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार  कटिबद्ध है . चव्हाण ने कहा कि कानून के कई जानकार कोर्ट में एक बार फिर सरकार का पक्ष रखेंगे. उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है. चव्हाण ने आंदोलन से जुड़े नेताओं और लोगों को संयम रखने की अपील की है.