ashok chavan
अशोक चव्हाण (फाइल फोटो)

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मुंबई. औरंगाबाद शहर (Aurangabad City) का नाम बदल कर संभाजीनगर (Sambhajinagar) रखने को लेकर महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार में शामिल शिवसेना (Shiv Sena) और कांग्रेस (Congress) के बीच विवाद गहरा गया है। पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) ने साफ़ तौर से कहा है कि शहर का नाम बदलना महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार की प्राथमिकता नहीं है। उन्होंने कहा कि शहर का नाम बदलना सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल नहीं है।

 चव्हाण ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिए गए उस बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राम मंदिर बीजेपी का मुद्दा है, लेकिन वे एनडीए सरकार के मुखिया हैं। ऐसे में राम मंदिर का मुद्दा सभी पार्टियों पर थोपा नहीं जा सकता है। चव्हाण का इशारा साफ़ तौर से यह है कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार में शिवसेना के पास पूर्ण बहुमत नहीं है। ऐसे में सरकार के अंदर शिवसेना को कोई भी फैसला सहयोगी दलों की सहमति से ही लेना होगा।

मिल कर लेंगे  फैसला

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र में तीन दलों की सरकार है। ऐसे में कुछ मुद्दों को लेकर विवाद हो सकता है। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद शहर का नाम बदलने के बारे में तीन दलों के नेता आपस में मिल कर फैसला लेंगे। पवार ने कहा कि अभी सरकार के सामने कोरोना टीकाकरण का बड़ा कार्यक्रम है। ऐसे में शहर का नाम बदलना प्राथमिकता नहीं है।

औरंगजेब नहीं था सेक्युलर

इन विवादों के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि सेक्युलरिज्म की हमारी विचारधारा में औरंगजेब कहीं फिट नहीं बैठता है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष नहीं था इसलिए औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष एजेंडे में फिट नहीं बैठता है। उद्धव ने कहा कि काफी साल पहले शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने इस शहर का नाम बदलने की घोषणा की थी। हम उसी का पालन कर रहे हैं।