वेतन के लिए ग्राहकों की जेब पर डाका

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  • बीजेपी ने महावितरण पर लगाया घोटाले का आरोप
  • महावितरण के बिजली बिल की पुस्तिका का प्रकाशन

मुंबई. बीजेपी की तरफ से कहा गया है कि विद्युत आपूर्ति करने वाली सरकारी कंपनी महावितरण ने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए ग्राहकों की जेब पर डाका डालने का काम किया है. बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने महावितरण पर बिल घोटाले का आरोप लगाया है.

 सोमैया भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार परिषद में बोल रहे थे. इसके पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने महावितरण के अधिक बिलों को जोड़ कर बनाई गई पुस्तिका ‘महावितरण का काला चिठ्ठा’ का प्रकाशन किया. इस अवसर पर पार्टी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये, विधायक निरंजन डावखरे, महासचिव श्रीकांत भारतीय व पूर्व विधायक राज पुरोहित उपस्थित थे. 

जुलाई महीने में 2 से 3 गुना अधिक बिल भेजा गया 

पूर्व सांसद सोमैया ने कहा कि कोरोना काल में लमसम बिजली बिल देने का निर्णय राज्य सरकार ने घोषित किया, लेकिन केवल अप्रैल, मई और जून में लमसम बिजली का बिल दिया गया.जुलाई महीने में प्रत्यक्ष मीटर रीडिंग के तहत बिल के नाम पर दो से तीन गुना अधिक बिल भेजा गया है. सोमैया ने कहा कि महावितरण के कर्मचारियों को वेतन देने एवं विद्युत आपूर्ति शुरु रखने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की जरुरत थी. राज्य सरकार ने आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कही, उसके बाद मंत्रालय में बैठ कर ग्राहकों से अधिक पैसा लेने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि लगभग 1 लाख से अधिक ग्राहकों को 5 हजार युनिट तक बढ़ा रीडिंग दिखा कर बिल भेजा गया है. इस बात का खुलासा हो चुका है. महावितरण ने अधिक बिल भेजे जाने और उसमें सुधार करने की बात खुद कही है.