AJit Pawar

Loading

उपमुख्यमंत्री पवार की घोषणा 

संभाजीराजे को पीछे बैठाने पर हंगामा 

मुंबई. आर्थिक संकट से जूझ रही सारथी संस्था बंद नहीं होगी. इस संस्था के लिए सरकार ने 8 करोड़ रुपए का फंड देने का फैसला किया है. इस बारे में सांसद संभाजीराजे छत्रपति के साथ हुई बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि संभाजीराजे भोसले की सभी मांगों को मान लिया गया है. कोरोना संकट की वजह से इस संस्था को बंद करने की अफवाह ने जोर पकड़ लिया था.

अजीत पवार ने कहा कि मैं अपनी पूरी ताकत लगा दूंगा, लेकिन इस संस्था को कभी बंद नहीं होने दूंगा. पुणे स्थित छत्रपति साहू महाराज शोध प्रशिक्षण एवं मानव विकास संस्थान (सारथी) एक गैर लाभकारी सरकारी संस्था है. यह संस्थान मराठा और कुन्बी-मराठा समुदायों के सामाजिक-आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास के लिए काम करती है. बैठक में मदद व पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार समेत कई लोग मौजूद थे. 

बैठक में हंगामा 

सारथी को फंड देने को लेकर आयोजित बैठक में सांसद संभाजीराजे छत्रपति को पीछे की कुर्सी पर बैठाने को लेकर काफी हंगामा हुआ. इस मुद्दे को लेकर मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्य आक्रमक हो गए. इन लोगों ने आरोप लगाया कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने संभाजीराजे का अपमान करने के लिए जानबूझ कर उन्हें पीछे की कुर्सी पर बैठाया था. मीटिंग के माहौल में गर्मी को देखते हुए संभाजीराजे ने अपने समर्थकों को शांत रहने की अपील की, जिसके बाद यह विवाद खत्म हुआ. 

मेरे सम्मान से ज्यादा अहम मेरा समाज 

इस पूरे विवाद पर बाद में संभाजीराजे छत्रपति ने ट्वीट कर कहा कि मेरे सम्मान से ज्यादा अहम मेरा समाज है. उन्होने कहा कि छत्रपति शिवाजी के घर का संस्कार यह है कि वे अपना बलिदान देकर भी जनता की रक्षा करते हैं. संभाजी राजे ने कहा कि  समाज हित में मेरी प्राथमिकता सारथी संस्था को जिंदा रखने की है और इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. हालांकि उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कोई इतना बड़ा नहीं है, जो छत्रपति शिवाजी के घराने का अपमान कर सके.