sero survey

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मुंबई. कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए बीएमसी ने  सीरो सर्वे का दूसरा चरण प्रारंभ कर दिया है. सीरो सर्वे से यह पता चलता है कि कोविड-19 कितना फैला है तथा कितने लोगों में इस रोग के खिलाफ एंटीबॉडी  विकसित हुई है. इससे पहले अनुमान लगाया गया था कि मुंबई में 50 लाख लोग कोरोना का संक्रमण हुआ था लेकिन शरीर में एंटीबॉडी विकसित होने से उन्हें पता ही नहीं चला. पहला चरण 3 जून को शुरु हुआ था जिसमें 9000 लोगों से खून के नमूने लिए गये थे. 

 महानगर पालिका के अधिकारी ने बताया कि इसमें एफ-नॉर्थ (दादर, माटुंगा तथा धारावी), एम-वेस्ट (देवनार और गोवंडी) तथा आर-नॉर्थ (दहीसर) वार्ड में सर्वे किया जाएगा. पिछले महीने इन्हीं इलाकों में ऐसा ही सर्वे किया गया था. उन्होंने बताया कि इस अध्ययन से पता चल पाएगा कि संक्रमण कितना फैला है, तथा सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता (हर्ड इम्युनिटी) के बारे में भी जानकारी मिलेगी. 

…तो सर्वे 12 दिन में पूरा हो जाएगा

बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि सर्वे के संबंध में कागजाती कार्रवाई आज से शुरू हो गई. सब कुछ तय योजना के मुताबिक चलता है तो सर्वे 12 दिन में पूरा हो जाएगा. सीरोलॉजिकल सर्वे में किसी भी संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित होने का पता खून की जांच से लगाया जाता है. जुलाई माह के पहले पंद्रह दिन में हुए सीरो सर्वे में पता चला था कि मुंबई के तीन बीएमसी वार्डों की स्लम बस्ती में रहने वाली 57 फीसदी आबादी तथा  इमारतों वाले इलाकों में रहने वाले 16 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है. इसमें शहर में कोविड-19 के बिना लक्षण वाले संक्रमण के अधिक व्याप्त होने की जानकारी भी मिली थी.

नये और पुराने लोगों का खून का नमूना इकट्ठा किया जाएगा

एफ उत्तर विभाग के सहायक मनपा आयुक्त गजानन बेल्लाले ने बताया कि एफ उत्तर वार्ड में पहले चरण में 4500 लोगों का सीरो सर्वे किया गया था. 13 अगस्त से दूसरा चरण शुरू होगा जिसमें कुछ नये और पुराने लोगों का खून का नमूना इकट्ठा किया जाएगा.