हैदराबाद चुनाव से डरी शिवसेना!

  • महाविकास आघाड़ी के घटक दलों के साथ मिल कर लड़ेगी सभी चुनाव
  • मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रियों एवं विधायकों के साथ बैठक कर जानी राय

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मुंबई. एमआईएम के गढ़ हैदराबाद मनपा चुनाव (Hyderabad Municipal Corporation Election) में भाजपा को मिली सफलता से शिवसेना  (ShivSena) को मुंबई मनपा छिनने का डर सताने लगा है। हैदराबाद मनपा चुनाव परिणाम से डरी शिवसेना महाराष्ट्र में सभी चुनाव महाविकास आघाड़ी के साथ मिल कर लड़ने का मन बनाया है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस संदर्भ में बुधवार को मंत्रियों, विधायकों एवं चुनिंदा पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी राय भी ली है। ठाकरे ने स्थानीय निकाय चुनाव तैयारियों में जुट जाने का निर्देश पार्टी पदाधिकारियों को दिया है। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से राज्य की कई महानगरपालिकाओं के चुनाव टाल दिए गए हैं।

नए साल में औरंगाबाद, नवी मुंबई, नाशिक, कल्याण-डोंबिवली मनपा सहित अन्य स्थानीय निकायों के चुनाव होने हैं। सवा साल बाद शिवसेना का मजबूत गढ़ कही जाने वाले मुंबई मनपा का भी चुनाव कराया जाएगा। जिसके लिए भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। पिछले कुछ समय में हुए चुनावों के परिणामों को देखते हुए शिवसेना यह मान चुकी है कि भाजपा का मुकाबला अकेले दम पर नहीं किया जा सकता है।

शिवसेना ने अपनी पुरानी सहयोगी भाजपा को रोकने के लिए महाविकास आघाड़ी के घटक दलों के साथ ही मैदान में उतरने की तैयारी की है।  हाल ही में हुए विधान परिषद चुनाव में शिवसेना को भले ही एक सीट नहीं मिली है, लेकिन महाविकास आघाड़ी के साथ मिल कर लड़ने का प्रयास सफल रहा है। स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र एवं स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र के लिए हुए विधान परिषद के चुनाव में महाविकास आघाड़ी को 6 में से 5 सीटों पर सफलता मिली है, जिससे महाविकास आघाड़ी के सभी घटक दल गदगद हैं। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद शिवसेना के मंत्रियों को चर्चा के लिए वर्षा बंगले पर बुलाया था।