BJP Leader Kirit Soumaiya
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  • ठाकरे सरकार और बीएमसी पर 900 करोड़ के घोटाले का आरोप

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मुंबई. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एनएचएम के तहत नियमित नौकरी के नाम पर 400 करोड़ का घोटाला का आरोप लगाया था, उसके तुरंत बाद भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने ठाकरे सरकार और बीएमसी पर 900 करोड़ रुपये के भूखंड घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है. सोमैया के मुताबिक भूखंड का श्रीखंड करने का काम दहिसर में हुआ है.

 

पूर्व सांसद सोमैया ने कहा है कि उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. सत्ता हासिल करने के बाद उन्होंने दहिसर में 900 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन एक बिल्डर को देने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि 10 साल पहले दहिसर में 7 एकड़ आरक्षित जमीन खरीदने का प्रस्ताव पेश किया गया था, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया था. परचेज नोटिस  निशल्प रियल्टी की तरफ से दिया गया था. जिस जमीन को खरीदने का प्रस्ताव दिया गया था उस पर शत-प्रतिशत अतिक्रमण है. मनपा ने परचेज नोटिस को खारिज कर दिया था.  सोमैया के मुताबिक मनपा की तरफ से टिप्पणी की गई थी कि इस जमीन को खरीदने का मतलब करोड़ों रुपये बर्बाद करना है.

जांच की मांग

तत्कालीन मनपा कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने सुधार समिति के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. 2 नवंबर को हुई सुधार समिति की बैठक में मौका मुआयना का निर्णय लिया गया. 28 तारीख को उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 29 नवंबर की सुधार समिति की बैठक में अर्जेंट बिजनेस के तहत प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया. तत्कालीन आयुक्त परदेशी ने जमीन की कीमत लगभग 54 करोड़ रुपये आंकी थी. बाद में भूखंड का मूल्य 354 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया. ठाकरे सरकार की तरफ से निर्देश दिया गया कि जमीन की कीमत 349 करोड़,14 लाख,19 हजार 13 रुपये तुरंत दिया जाए. बिल्डर को 54 करोड़ रुपये पहले ही दे दिया गया था. 15 फरवरी 2020 को 294 करोड़ रुपये निशल्प रियल्टी को दिया गया. बाद में बिल्डर ने जमीन का मूल्य निर्धारण गलत बताते हुए 900 करोड़ रुपये का दावा किया.  बिल्डर ने नागपुर स्थित राजस्व न्यायाधिकरण के पास अपील कर बची हुई रकम 550 करोड़ रुपये की मांग की है.पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने पूरे मामले की विस्तृत जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है.