- हाईकोर्ट ने सरकार को कहा
मुंबई. केवल अत्यावश्यक कर्मचारियों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए लोकल शुरू किए जाने का निर्णय सरकार ले. ऐसा सुझाव हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया है. मंगलवार को वकीलों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने राज्य सरकार से पूछा कि आखिर कितने दिन और लोकल बंद रखी जाएगी. वकीलों को भी मुंबई लोकल में यात्रा की इजाजत दिए जाने संबंधी याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लॉकडाउन में लोगों की नौकरियां चली गईं, बेरोजगारी बढ़ गई है. लेकिन अब अनलॉक में सब कुछ सामान्य हो रहा है, ऐसे में लोगों के आवागमन को लेकर सरकार को विचार करना ही होगा. हाईकोर्ट ने कहा कि मुंबई में यात्रा करना मुश्किल हो गया है. लोगों के कई घंटे यात्रा में जा रहे हैं, ऐसे में लोकल ट्रेन शुरु करना ही एकमात्र विकल्प है.
मुंबई और उपनगर में अभी भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल सेवा बंद रखने का निर्णय लिया है, हालांकि अत्यावश्यक सेवा में लगे कर्मचारियों के लिए मध्य और पश्चिम रेलवे पर लोकल की 929 फेरियां चल रही हैं.अत्यावश्यक सेवा देने वालों में वकीलों का समावेश कर उन्हें लोकल में यात्रा की इजाजत देने की मांग को लेकर एड.उदय वारुंजीकर और एड.श्याम देवानी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
पिछली सुनवाई में भी हाईकोर्ट ने आम लोगों के लिए लोकल शुरू किए जाने संबंधी निर्णय लेने को कहा था.राज्य सरकार को डर है कि यदि सभी के लिए लोकल शुरू हुई तो कोरोना संक्रमण और तेजी से फैलेगा.इस याचिका पर सुनवाई करते हुए लोकल यात्रा के विषय में 5 अक्टूबर तक उत्तर दिए जाने का निर्देश राज्य प्रशासन को हाईकोर्ट ने दिया है.