Auto Taxi Mumbai

  • यूनियन और परिवहन मंत्री के बीच हुई चर्चा

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मुंबई. कोरोनाकाल में संकट से गुजर रहे मुंबईकरों पर टैक्सी-रिक्शा किराया बढ़ोतरी का भार भी बढ़ सकता है. पिछले कई वर्षों से किराया बढ़ोतरी की मांग कर रहे टैक्सी-रिक्शा यूनियन ने परिवहन मंत्री से मिलकर अपनी मांग दोहराई है. यूनियन का कहना है कि कोरोनाकाल में कालीपीली टैक्सी और रिक्शा चालकों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. 

लॉकडाउन की वजह से बड़े पैमाने पर चालकों का नुकसान हुआ है. मुंबई और उपनगरों में मीटर पर चलने वाले रिक्शा का न्यूनतम किराया 18 रुपए जबकि टैक्सी का 22 रुपए है. इस किराए में न्यूनतम 3 से 4 रुपए बढ़ोतरी की मांग की जा रही है. परिवहन मंत्री अनिल परब ने जल्द ही निर्णय लेने का आश्वासन यूनियन को दिया है.

5 साल पहले बढ़ा था किराया

जून 2015 में पहली बार किराया बढ़ोतरी की गई थी. उस समय रिक्शा-टैक्सी के किराए में एक रुपए की बढ़ोतरी की गई थी. किराया बढ़ोतरी हकीम समिति की सिफ़ारिशों के आधार पर की गई थी. वैसे हर साल किराया बढ़ाने की सिफारिश की गई थी, लेकिन सरकार ने नागरिकों में नाराजगी के डर से किराया नहीं बढ़ाया. पिछली फडणवीस सरकार द्वारा  रिक्शा परमिट खुला कर दिए जाने से बड़े पैमाने पर रिक्शा एमएमआर की सड़कों पर दिखने लगे.अब परमिट पर भी नियंत्रण की मांग हो रही है.

किराया बढ़ोतरी जरुरी : क्वाड्रोस

मुंबई टैक्सीमेंस यूनियन के महासचिव ए .एल. क्वाड्रोस ने कहा कि कोरोनाकाल में टैक्सी चालकों की आय डूब चुकी है. सरकार को कमसे कम 25 रुपए किराए का निर्णय लेना चाहिए.

चालकों को मिले अनुदान : शशांक राव

मुंबई ऑटोरिक्षा-टॅक्सीमेन्स युनियन के अध्यक्ष शशांक राव ने कहा कि पिछले 5 साल से किराया बढ़ोतरी की मांग हो रही है.अब तो जल्द से जल्द निर्णय लेना होगा. शशांक राव ने कहा कि सभी रिक्शा-टैक्सी चालकों को मदद के रूप में 10 हजार का अनुदान मिलना चाहिए.