Air India Building

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    मुंबई. ठाकरे सरकार (Thackeray Government) ने नरीमन पॉइंट (Nariman Point) स्थित एयर इंडिया की इमारत (Air India Building) को खरीदने के लिए एक बार फिर चर्चा शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने एयर इंडिया (Air India) के सीएमडी राजीव बंसल के साथ बैठक की है। ऐसी रिपोर्ट है कि महाविकास आघाड़ी सरकार ने इस इमारत को खरीदने के लिए 1400 करोड़ रुपए का ऑफर दिया है, जबकि एयर इंडिया ने  2,000 करोड़ रुपए की डिमांड की है। 

    खास बात यह है कि जिस जमीन पर एयर इंडिया की बिल्डिंग खड़ी है, उस पर राज्य सरकार का मालिकाना हक है। हालांकि एयर इंडिया को खर्च के रूप में राज्य सरकार को 400 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। इसलिए इस पूरी डील पर 2,400 करोड़ रुपए खर्च होंगे। राज्य सरकार ने एयर इंडिया से इमारत के वैल्यूएशन को लेकर उसकी एक कॉपी प्रदान करने की मांग की है।

    मंत्रालय के नजदीक है इमारत

    एयर इंडिया की इमारत राज्य सरकार के मंत्रालय की बिल्डिंग के काफी नजदीक है। ऐसे में यह इमारत राज्य सरकार के कब्जे में आ जाती है तो मंत्रालय के बोझ को काफी कम किया जा सकता है। सरकार की योजना मंत्रालय के कुछ प्रमुख विभागों को एयर इंडिया की इमारत में शिफ्ट करने की है।

    साल 1993 में हुआ था विस्फोट

    साल 1993 में एयर इंडिया की इमारत में विस्फोट हुआ था। ऐसे में इस इमारत की मजबूती को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सवाल यह कि क्या इस इमारत के लिए 2 हजार करोड़ की राशि खर्च करना उचित होगा। इस बारे में कुछ सीनियर अधिकारियों ने सवाल खड़े किए हैं।  

    घाटे में एयर इंडिया

    लगातार घाटे में चल रही एयर इंडिया ने साल 2018 में जमीन और बिल्डिंग लीज राइट्स बेचने का फैसला किया था। इससे पहले भाजपा सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी एयर इंडिया की इमारत को  खरीदने में रुचि दिखाई थी। राज्य सरकार ने 23 मंजिली इस इमारत के लिए 1,400 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। जो इस भवन के आरक्षित मूल्य से 200 करोड़ रुपये कम है। एयर इंडिया ने दावा किया है कि मौजूदा बाजार कीमत पर इमारत की कीमत 2,000 करोड़ रुपए है। सरकार के स्वामित्व वाले जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट और एलआईसी ने भी एयर इंडिया की इमारत के लिए 1,375 करोड़ रुपए व 1,200 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। वर्तमान में एयर इंडिया ने इमारत को खाली कर दिया है और केवल ऊपरी मंजिल उनके कब्जे में है। उन्होंने बाकी बिल्डिंग को किराए पर दे दिया है, जिससे उन्हें राजस्व मिल रहा है।