bombay high court
File Photo

    Loading

     मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court)  ने मुंबई की एक मस्जिद (A Mosque in Mumbai) में सामूहिक रूप से नमाज (Namaz Collectively) अदा करने की अनुमति देने से यह कहते हुए इनकार (Refuse) कर दिया कि कोविड-19 (Covid-19) के चलते गंभीर हालात (Critical Situation) पैदा हो गए हैं और लोगों की सुरक्षा (Security) अधिक महत्वपूर्ण है। न्यायमूर्ति आर डी धनुका (Justice RD Dhanuka) और न्यायमूर्ति वी जी बिष्ट (Justice VG Bisht) की अवकाश पीठ (Holiday Bench) ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार  (Maharashtra Government) ने कोरोना वायरस संक्रमण (Corona Virus Infection) के चक्र को तोड़ने (Break Cycle) के लिये पाबंदियां (Restrictions) लगाने की जरूरत महसूस की है।

    अदालत (Court) ने कहा, धार्मिक रीति-रिवाजों (Religious Customs) को मनाना या उनका पालन (Follow) करना महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे अधिक महत्वपूर्ण लोक व्यवस्था (Arrangement) और लोगों की सुरक्षा (Security) है।

    पीठ ने जुमा मस्जिद ट्रस्ट की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं। याचिका में दक्षिण मुंबई में स्थित ट्रस्ट की एक मस्जिद में मुसलमानों को पांच वक्त की नमाज अदा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था।