मुंबई में भी दिखा किसान आंदोलन का असर

  • कई स्थानों पर बंद रही दुकानें, जगह -जगह विरोध प्रदर्शन
  • कोई अप्रिय घटना नहीं हुई

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मुंबई. किसानों के समर्थन में मंगलवार को भारत बंद (Bharat Band) का असर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी देखने को मिला। महाविकास आघाड़ी के घटक दलों सहित अन्य संगठनों के आह्वान पर मुंबई के कई इलाकों में दुकानें बंद रहीं। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग की गयी।

कई स्थानों पर नए कृषि क़ानूनों की प्रतियों को भी जलाया गया। हालांकि बंद की वजह से उपनगरीय ट्रेनों एवं सड़क परिवहन पर किसी तरह का असर नहीं पड़ा। उपनगरीय ट्रेनें समय सारिणी के अनुरूप ही चलाई गयी। बंद के बावजूद शहर एवं उपनगरों में कहीं से भी किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से दक्षिण मुंबई के कुलाबा स्थित रीगल सिनेमा के पास लालबहादूर शास्त्री की प्रतिमा के सामने किसानों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहेब थोरात के नेतृत्व कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इस अवसर पर सार्वजनिक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण, ऊर्जा मंत्री डॉ. नितीन राऊत, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष एकनाथ गायकवाड़, पूर्व मंत्री  एवं प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद आरिफ (नसीम) खान, मंत्री सुनील केदार, राज्यमंत्री बंटी पाटिल, विश्वजीत कदम, पूर्व मंत्री सुरेश शेट्टी, चंद्रकांत हंडोरे, सचिन सावंत  सहित अन्य नेता एवं पदाधिकारी मौजूद थे।

बैलगाड़ी हांकते आंदोलन स्थल पर पहुंचे आजमी  

किसानों के आह्वान पर भारत बंद आंदोलन में समाजवादी पार्टी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने शिवाजीनगर चौराहे पर चक्काजाम किया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अबू आसिम आज़मी किसानों के समर्थन में बैलगाड़ी हांकते आंदोलन स्थल पर पहुंचे। आजमी ने नए कृषि कानून को किसानों के खिलाफ बोलते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पूंजीपतियों  के लिए कम कर रही है।

देवनार पुलिस ने विधायक अबू आसिम आजमी सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। इस आंदोलन में समाजवादी पार्टी के प्रमुख प्रदेश महासचिव मेराज सिद्दीकी, वकील खान, जुल्फेकार आज़मी, अबरार सिद्दीकी, हारून रशीद बबलू, हीरालाल यादव, लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष आमिर पठान, शोएब मुन्ना खान, जिल्हाध्यक्ष निसार खान, गयासुद्दीन शेख, नगरसेवक अख्तर कुरैशी, नगरसेविका रुखसाना सिद्दीकी, सारा फहाद आजमी, आयशा शेख, के अलावा फहाद आज़मी, इरफ़ान खान, रफीक शेख सहित समाजवादी पार्टी के प्रमुख पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल थे।

अंधेरी में विरोध प्रदर्शन

भारत बंद के समर्थन में अंधेरी रेलवे स्टेशन के बाहर  मुंबई कांग्रेस महासचिव मोहसीन हैदर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस, सपा एवं वापमंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगाते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के उत्तर पश्चिम जिलाध्यक्ष  क्लाइव डायस, उपाध्यक्ष फकीर लाला, गुलाम अहमद शेख , सलीम खान सहित अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।  

दहिसर में राकां की बाईक रैली

दहिसर में किसानों के समर्थन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से बाईक रैली निकाली गई। इस दौरान जगह जगह केंद्र सरकार द्वारा लाये गये नये कृषी कानून को वापस लेने की मांग की गई। बाईक रैली  का आयोजन राकांपा मुंबई हिंदी विभाग के अध्यक्ष मनीष दुबे की तरफ से किया गया था। इसमें अनिल गायकवाड़, जितेंद्र गुप्ता, इश्तियाक खान, मनोज यादव, इंदल सरोज, राजू यादव, अनिल वर्मा, शमसुद्दीन कंकाली, सलमान खान, गौतम वर्मा, एजाज खान सहित भारी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।

ट्रेन और बसें चलती रहीं  

मुंबई की दोनों लाइफलाइन अर्थात लोकल ट्रेन और बेस्ट बसें चलती रहीं और बंद का बिलकुल भी असर इन पर नहीं पड़ा। बेस्ट उपक्रम के उप जनसंपर्क अधिकारी मनोज वराडे ने बताया कि उपक्रम के शेड्यूल से अधिक बसें सड़कों पर दौड़ती रहीं। बेस्ट की 4486 के मुकाबले 4529 बसों का परिचालन किया गया। कंडक्टर एवं ड्राइवरों की उपस्थिति 88 प्रतिशत से अधिक रही। उपक्रम के 4211 कंडक्टर में से 3555 एवं 3692 ड्राइवरों में से 3277 ड्यूटी पर मौजूद थे। बेस्ट उपक्रम की तरफ से निजी एवं राज्य सड़क परिवहन की बसों का भी उपयोग किया जा रहा है।

सड़कों पर दौड़ती रही टैक्सियां

मुंबई शहर एवं उपनगरों में टैक्सी एवं आटो रिक्शा के परिचालन में भारत बंद का किसी तरह का असर नहीं देखने को मिला।टैक्सियां सड़कों पर दौड़ती रही। टैक्सी यूनियन नेता ए एल क्वाड्रोस ने बताया कि टैक्सियां सामान्य रूप  से ही चलीं। क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से पहले ही इस क्षेत्र को काफी नुकसान हुआ है। सत्तारुढ़ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस पार्टी ने बंद को अपना समर्थन दिया था, लेकिन साथ ही प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के परिचालन में बाधा ना डालने की अपील भी की थी, जिससे टैक्सी एवं ऑटो रिक्शा को कहीं भी रोका नहीं गया।