टिकट चेकिंग स्टॉफ ने निभाई अपनी ड्यूटी से अलग भूमिका

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प्रवासी श्रमिकों की मदद में सीआर के 1840 टीसी

मुंबई. लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए मध्य रेल ने 590 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाकर लगभग 7.20 लाख से अधिक लोगों को उनके घर तक पहुंचाया है. सभी श्रमिक को मुफ्त भोजन और पानी दिया गया. प्रवासियों की सहायता के लिए 1840 से ज्यादा टिकट चेकिंग स्टॉफ  नियुक्त किए गए. इन्होंने यात्रियों की मदद में कोई कसर नहीं छोड़ी.टिकट चेकिंग स्टॉफ ने अपनी ड्यूटी से इतर भूमिका निभाते हुए स्टेशनों पर व्हीलचेयर से वरिष्ठ नागरिकों को ले जाने, ट्रेन से गर्भवती महिला की मदद कर अस्पताल पहुंचाने, श्रमिक स्पेशल के कोचों के अंदर भोजन और पानी वितरित करने आदि काम किया.

लोगों की मदद की

मध्य रेल पर कुल 2009 टिकट चेकिंग स्टाफ की तैनाती की गई है, जिसमें 1840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की सेवा में लगे हैं.14 महिला टिकट जांच स्टाफ (नागपुर मंडल के 4 और पुणे मंडल के 10) भी इसमें शामिल हैं.विष्णु साहू नाम के एक यात्री ने ड्यूटी टिकट चेकिंग स्टाफ को बताया कि उसकी पत्नी गंभीर प्रसव पीड़ा से पीड़ित है और उसे तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है. तत्काल टिकट चेकिंग स्टाफ  सुनील कुमार ने अपनी टीम के साथ उप स्टेशन अधीक्षक (वाणिज्य) नागपुर की मदद से स्ट्रेचर की व्यवस्था की और गर्भवती महिला को एम्बुलेंस से पास के अस्पताल में पहुंचाया.  

पुणे स्टेशन पर एक अन्य टीसी ने एक महिला के एक छोटे बच्चे को ले लिया,जो अपने दो छोटे बच्चों को अपने साथ ले जाने के लिए संघर्ष कर रही थी.दो टीसी ने मिल कर एक अपंग महिला को व्हील चेयर से ट्रेन तक पहुंचाया.