ठाणे, कल्याण से जौनपुर के लिए नहीं छूट रही ट्रेन

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मुंबई. लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों के लिए ठाणे,कल्याण स्टेशनों से अधिक ट्रेन छोड़े जाने की मांग हो रही है.यूपी के जौनपुर, वाराणसी, भदोही, बलिया, फैजाबाद सहित पूर्वांचल के लोग बड़ी संख्या में ठाणे, कल्याण परिसर में रहते हैं.काफी हो-हल्ले के बाद पिछले कुछ दिनों से यूपी के लिए ठाणे, कल्याण स्टेशन से ट्रेनें छोड़ी गईं, परन्तु अभी भी  जौनपुर सहित अन्य आसपास जिलों के कई हजार प्रवासियों का रजिस्ट्रेशन लंबित है. सोमवार को इस मामले में बीजेपी सांसद कपिल पाटिल और मुंबई बीजेपी के महामंत्री अमरजीत मिश्र ठाणे के जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर से मिले.

अमरजीत मिश्र ने कहा कि ठाणे, कल्याण के श्रमिकों के मामले में राज्य के जिला प्रशासन की भूमिका संदिग्ध लग रही है.इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद ठाणे-कल्याण से यूपी के लिए मात्र 5-6 ट्रेनों की प्लानिंग की गई. 

 1500 से ज्यादा प्रवासियों की लिस्ट बनाई

एनसीपी हिंदी भाषी विभाग के अध्यक्ष मनीष दुबे के अनुसार कल्याण के समाजसेवी विजय पंडित ने जौनपुर के 1500 से ज्यादा प्रवासियों की लिस्ट बनाई, इस मामले में राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख को मेल के माध्यम से निवेदन भेज कर अवगत कराया गया.

 

जौनपुर जिले के प्रवासियों की संख्या सबसे ज्यादा

यह भी चर्चा है कि जौनपुर का जिला प्रशासन एक साथ बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के पहुंचने से दबाव में आ गया है. बड़ी संख्या में ट्रेनों के पहुंचने और अचानक कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ने से जिला प्रशासन सकते में है. पता चला कि रविवार-सोमवार को 11 श्रमिक ट्रेनें मुंबई सहित अन्य शहरों से जौनपुर पहुंची. मुंबई और उपनगरों में जौनपुर जिले के प्रवासियों की संख्या सबसे ज्यादा है. इसे देखते हुए ठाणे-कल्याण से ट्रेनें छोड़ने की मांग हो रही है.

जौनपुर प्रशासन पर दबाव: अनिल देशमुख

गृह मंत्री अनिल देशमुख ने नवभारत को बताया कि मुंबई सहित अन्य स्थानों से कई गाड़ियां जाने से जौनपुर प्रशासन पर लोगों को क्वारन्टीन करने,प्लेटफार्म की कमी और अन्य व्यवस्था का दबाव पड़ रहा है.इसलिए कम ट्रेनें छोड़े जाने का निवेदन किया है.गृह मंत्री देशमुख ने कहा कि जल्द ही आवश्यकता पड़ने पर  जौनपुर के लिए भी ट्रेनें जाएंगी.हालांकि मुंबई से अब भी जौनपुर व अन्य जिलों के लिए श्रमिक ट्रेनें छोड़ी जा रहीं हैं, लेकिन कल्याण,ठाणे के प्रवासी अभी भी गांव जाने का इंतजार कर रहे हैं.