आर्थिक मुश्किलों से निकलने की कोशिश

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मुंबई. कोरोना (Corona) के कारण आर्थिक संकट (Economic Crisis) में आई बीएमसी (BMC) नए साल (New Year) में  राजस्व वसूली करने पर जोर देने जा रही है। बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल (BMC Commissioner Iqbal Singh Chahal) ने  सभी उपायुक्तों को आदेश दिया है कि राजस्व वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करें। 

बीएमसी के राजस्व संग्रह में भारी कमी आई है। कोरोना के कारण राजस्व की वसूली नहीं होने का असर आगामी बजट (Budget) पर प्रभाव पड़ेगा इसलिए उसके वसूली पर जोर दिया जा रहा है।

केवल 20 से 25 फीसदी राजस्व संग्रह

वर्तमान बजट प्रस्तुत करते समय बीएमसी प्रशासन ने 22,402 करोड़ रुपए के राजस्व की उम्मीद की है,  लेकिन कोविड के कारण दिसंबर तक अपने राजस्व का केवल 20 से 25 प्रतिशत ही जमा कर पाए हैं। इसलिए शेष बचे अगले 3 महीनों में राजस्व संग्रह लक्ष्यों को कर पाएगी यह लगता नहीं है। प्रत्यक्ष में वसूले गए राजस्व से ही बीएमसी के आर्थिक स्थिति पर  निर्भर रहेगा। इस वित्तीय संकट से निकलने के लिए कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने 10 दिन पहले सभी उपायुक्तों और विभागों के प्रमुखों की बैठक बुलाकर राजस्व वृद्धि की अवधारणा को जानने की कोशिश की। बीएमसी की आय कैसे बढ़ाएं और उसके लिए  पूर्व में दिए गए निर्देश की जानकारी ली। यह पता चला है कि सभी उपायुक्त तत्कालीन आयुक्त अजॉय मेहता द्वारा सुझाए गए राजस्व वृद्धि पर विचार करने के लिए एक मत थे।  बीएमसी प्रशासन 2 साल पहले अजॉय मेहता द्वारा सुझाए गए राजस्व वृद्धि उपायों और उनकी  सिफारिशों को लागू करने करने पर विचार कर रहा है।

कोरोना पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही बीएमसी

बीएमसी कोरोना पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।  इस कारण से मुंबई का विकास कार्य प्रभावित हो रहा  है। एक तरफ, बीएमसी के राजस्व में गिरावट आ रही है और दूसरी तरफ खर्च बढ़ रहा है।  इसलिए यह आशंका जताई जा रही है कि चर्चा निकट भविष्य में बीएमसी का बजट कम हो जाएगा। इसको ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने अभी से कोशिश शुरू करने का फैसला किया है। बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार,  कमिश्नर ने प्रशासनिक खर्चों में 20 फीसदी की कटौती करने का निर्देश विभाग प्रमुखों को दिया है।

बीएमसी का अपेक्षित राजस्व घट रहा है जिस कारण से अगले 3 वर्षों तक बजट को प्रभावित करेगा। अगले बजट में 10,000 करोड़ रुपए की कमी होगी। उसके बाद के तीसरे साल में यह साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए कम हो जाएगा। अगले 3 साल बीएमसी के लिए कठिन परीक्षा का क्षण होगा। इसके लिए प्रत्येक राजस्व पर कड़ी नजर रखकर वसूली किया जाना चाहिए, लेकिन जिस तरह से प्रशासन, सत्ता पक्ष की मदद से शुल्क में छूट प्रदान कर रहा है उससे यह खाईं बढ़ती जाएगी।

- रईस शेख, ग्रुप लीडर, विधायक, समाजवादी पार्टी, बीएमसी