वसई-विरार में बेकाबू कोरोना, प्रतिदिन 100 से ज्यादा मिल रहे मरीज

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– अब तक 2692 पाजिटिव केस सामने आए

– 101 मरीजों की हो चुकी है मृत्यु

राधा कृष्णन सिंह

विरार. आरम्भ में लग रहा था कि वसई- विरार मनपा क्षेत्र में कोरोना अपना पैर ज्यादा नहीं फैला पाएगा और जल्द ही उस काबू पा लिया जाएगा, लेकिन हुआ बिल्कुल इसके विपरीत. अनलॉक-1 के बाद तो मानो कोरोना बेकाबू हो गया है. जहां आरंभ के सप्ताह में 1 से 5 मरीज मिले थे, वहीं अब रोजाना 150 से ज्यादा केस मिलने लगे हैं. क्षेत्र में कोरोना की बढ़ती संख्या को देखकर लोग बेहद चिंतित है और डरे सहमे हुए हैं. डर इतना कि अब लोग मानसिक रूप से परेशान है. 

क्षेत्र में कोरोना का पहला केस 19 मार्च को मिला था. इसी सप्ताह क्षेत्र से चार और मरीज मिले. इसके पश्चात अप्रैल माह के अंत तक मरीजों की संख्या 31 हुई, जिसमें 3 की मृत्यु हो गई तथा 28 मरीज ठीक हुए. लेकिन समय के साथ ही यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता गया. मई महीने के आखिरी सप्ताह में मरीजों का आंकड़ा 261 हो गया, वहीं मृतकों की संख्या बढ़कर 8 हो गई. जून माह के पहले सप्ताह में अनलॉक आरंभ हुआ जिसके बाद कोरोना ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया.  

मरीजों का आंकड़ा 2642 पर पहुंचा

इस माह को समाप्त होने में अभी 5 दिन शेष है, लेकिन अभी तक क्षेत्र में मरीजों का आंकड़ा 2642 पर पहुंच गया है. वहीं मृतकों की संख्या 101 हो गई है. गुरुवार को 189 नए मरीज मिले है, वर्तमान में 1091 मरीजों का उपचार अस्पतालों में किया का रहा है. 1450 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं.दूसरी ओर क्षेत्र में कोरोना को रोकने की कमान पूरी तरह आयुक्त गंगाधरन डी सम्भाल रहे हैंं. सत्तापक्ष व विपक्ष दोनों ही उन पर जनप्रतिनिधियों को विश्वास लिए बगैर काम करने का आरोप लगा रहे हैंं.

 तानाशाह की तरह काम कर रहे आयुक्त

 नालासोपारा के विधायक क्षितिज ठाकुर ने कहा कि मनपा आयुक्त जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर कार्य करने की बजाय तानाशाह तरीके काम कर रहे हैं. उनके द्वारा किया जाने वाला हर उपाय योजना सिर्फ कागजों पर दिख रही है. इस महामारी के दौर में जहां सारे लोग एक दूसरे की मदद के लिए आगे आकर कार्य कर रहे है, ऐसे में आयुक्त कोरोना जैसी समस्या पर कार्य करने के बजाय अपने घर का इंटीरियर करवाने व करोड़ोंं रुपए खर्च कर नई गाड़ियों को खरीदने में व्यस्त हैं. जो कार्य उन्हें 3 माह पूर्व ही करना चाहिए. 

 जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर काम नहीं

महापौर प्रवीण शेट्टी ने कहा कि इस मामले में सबसे पहले आयुक्त को इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को लेकर यहां के जनप्रतिनिधियों से जानकारी लेने के बाद कार्य करना चाहिए था. इस बारे में कैसे उपाय चलाई जाए ताकि कोरोना बढ़ने से रुके. लेकिन वह स्वयं भगवान बनकर सारे निर्णय लेने लगे, जिसके कारण यहां के अधिकारियों को भी काम करने में दिक्कतें हो रही हैंं. मनपा द्वारा कोरोना पेशेंट से भोजन के नाम पर 250 रुपए वसूल किए जा रहे थे, हर मरीज के पीछे परिवार के करीब 5 अन्य सदस्य होते है, ऐसे में इतनी बड़ी रकम भरना उनके लिए संभव नहीं है. उन्होंने कोई टेंडर भी नहीं निकाला और किसी को उस कार्य का ठेका दे दिया, जिसका हमने आयुक्त के सामने विरोध भी किया.क्षेत्र में सेनेटाजेशन का कार्य नहीं हो रहा है.इसके लिए  बताया कि उसमें खर्च बहुत होते हैंं. जब मनपा के पास जनता के लिए  पैसे नहीं हैंं तो उनने घर के इंटीरियर का कार्य कैसे चल रहा है. 

क्षेत्र के लोगों का दुर्भाग्य

वसई- विरार भाजपा जिलाध्यक्ष राजन नाईक ने कहा कि यह वसई- विरार का दुर्भाग्य है कि यहां सभी पीला चश्मा लगाकर देखते हैंं, लेकिन भाजपा आयुक्त के अच्छे कार्य की सराहना करेगी, यदि उन्हें भ्रष्टाचार में पाएगी तो उसका खुलकर विरोध करेगी. मैं आयुक्त के लिए सिर्फ एक ही बात कहूंगा कि वह जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों का सम्मान एवं जनता की समस्या के समाधान को लेकर कार्य करें.