विप चुनाव में जीत से महाविकास आघाड़ी गदगद

  • पवार बोले, उद्धव सरकार के काम पर मुहर
  • देवेन्द्र बोले, आघाड़ी की ताकत को आंकने में हुई चूक

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मुंबई. महाराष्ट्र विधान परिषद की 4 सीटों पर जीत के बाद महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के नेता काफी गदगद हैं। वहीं बीजेपी खेमे में मायूसी है। महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के किंगमेकर व राकां अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि इन चुनाव परिणामों को देखने से लगता है कि राज्य की तस्वीर अब बदल गई है। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों से साफ़ है कि लोगों ने उद्धव सरकार के काम पर मुहर लगाई है।

इस्तीफा देकर चुनाव जीतना मुश्किल

राकां प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन के सामने अब किसी भी उम्मीदवार का इस्तीफा देकर जीतना मुश्किल है। उन्होंने नेता विपक्ष देवेन्द्र फडणवीस को चुनौती देते हुए कहा कि यदि वे भी इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़ते हैं तो उनके लिए भी सीट बचाना मुश्किल होगा। पाटिल का इशारा साफ़ तौर से उन नेताओं के लिए है, जो बीजेपी का ऑपरेशन लोटस का साथ देने के लिए इस्तीफा देकर चुनाव जीतने की मंशा रखते हैं। पाटिल ने कहा कि अब आघाड़ी की तिकड़ी के सामने बीजेपी उम्मीदवारों का टिक पाना मुश्किल है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि ‘विधानपरिषद चुनाव में आघाड़ी की जीत गठबंधन पार्टियों के बीच एकता का सबूत है।  

तेज गति से दौड़ेगी महाराष्ट्र एक्सप्रेस

पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि विधान परिषद में जीत से महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन का आत्मविश्वास और बढ़ा है। अब सरकार की  महाराष्ट्र एक्सप्रेस और तेजी से विकास के पथ पर दौड़ेगी। चव्हाण ने कहा कि सरकार के गठन के बाद यह पहला चुनाव था, जिसमें लोगों ने सरकार के काम पर अपना विश्वास दिखाया है।

फैसला उम्मीद के मुताबिक नहीं

नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री  देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि विधान परिषद के चुनाव परिणाम हमारे उम्मीद के मुताबिक़ नहीं हैं। उन्होंने माना कि  महाराष्ट्र विकास आघाड़ी में शामिल तीनों पार्टियों (शिवसेना, कांग्रेस व राकां ) की ताकत को आंकने में चूक हुई। बीजेपी को सबसे बड़ी हार नागपुर स्नातक सीट पर मिली है। नागपुर स्नातक सीट का जाना बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि पिछले 5 दशकों से यह बीजेपी और आरएसएस का गढ़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पिता गंगाधरराव फडणवीस 12 साल इस सीट से प्रतिनिधि रहे। वहीं बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का इस सीट पर 25 साल से दबदबा रहा था। 

हिम्मत है तो अकेले लड़ें चुनाव

महाविकास आघाड़ी की जीत से बौखलाए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि आघाड़ी में शामिल नेताओं में हिम्मत है तो वे अकेले चुनाव लड़ कर दिखाएं। उन्होंने माना कि तीनों दलों के  साथ आने से पुणे में चुनावी समीकरण बदल गए। पाटिल ने कहा कि हम हार की समीक्षा करेंगे और आगे की लड़ाई के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करेंगे।