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  • 1400 करोड़ होंगे खर्च

मुंबई. गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे एसटी महामंडल ने अपने कर्मचारियों के लिए स्वेच्छा निवृत्ती योजना लागू करने का निर्णय लिया है. 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके कर्मचारियों के लिए यह योजना होगी. परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि एसटी कर्मचारियों के वेतन का भार लगातार बढ़ रहा है, उसे कम करने के लिए संचालक मंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. इसे अंतिम मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा. 

परिवहन मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय कर्मचारियों पर लादा नहीं जाएगा. एसटी कर्मचारियों की सेवानिवृति की उम्र 58 वर्ष है. स्वेच्छा निवृत्ती के लिए 50 वर्ष से ऊपर कर्मचारी-अधिकारी इस योजना में शामिल हो सकेंगे. इस समय ऐसे कर्मचारियों की संख्या लगभग 28 हजार है. इस योजना में लाभ के तहत एक वर्ष के लिए 3 महीने का वेतन मिलेगा. इस योजना के लिए लगभग 1400 करोड़ रुपए का भार आएगा. इस समय एसटी कर्मचारियों के वेतन पर 250 से 260 करोड़ रुपए खर्च होते हैं.बताया गया कि इस योजना के लागू होने से लगभग 100 करोड़ रुपए मासिक बचत हो सकती है. 

यूनियनों का विरोध

स्वेच्छा निवृत्ती की इस योजना का विरोध एसटी कर्मचारियों की यूनिंयनों ने किया है. मनसे एसटी कामगार यूनियन के अध्यक्ष हरि माली ने कहा कि इस आर्थिक संकट में एसटी महामंडल के पास कर्मचारियों को पगार देने का पैसा नहीं है तो 1400 करोड़ कहां से लाएंगे. माली ने कहा कि स्वेच्छानिवृति लेने वाले कर्मचारियों के बच्चों को नौकरी दी जाए. दूसरी तरफ एसटी वर्कर कांग्रेस के मुकेश तिगोटे ने कहा कि स्वेच्छानिवृति लेने वाले कर्मचारियों को कम से कम वर्ष में 8 माह का वेतन दिया जाए.

ऐसी होगी योजना

  • काम किए गए प्रत्येक वर्ष के तीन महीने का वेतन.
  • इसमें मूल वेतन के साथ महंगाई भत्ते का समावेश.
  • स्वेच्छानिवृत्ति के लिए पात्र कर्मचारी 28 हजार.

वेतन व खर्च का हिसाब

  1. वेतन के लिए प्रति माह 250 से 260 करोड़ खर्च. 
  2. स्वेच्छा निवृत्ती योजना पर खर्च होंगे 1400 करोड़.
  3. योजना सफल होने पर वेतन खर्च में प्रतिमाह 100 करोड़ की  बचत.