– चीन पर सियासत गरमाई
– विपक्ष ने कहा- सिखाओ सबक
– हम सरकार के साथ हैं
मुंबई. लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनातनी से देश का राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है. इस विवाद के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है कि चीन के हमले का मुंहतोड़ जवाब कब दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि एक भी गोली चले बिना हमारे 20 जवान शहीद हो गए. इस हमले मेन कितने चीनी जवान मारे गए. इसका जवाब भी देशवासियों को मिलना चाहिए. हालांकि राउत ने कहा कि मौजूदा हालात में देश प्रधानमंत्री के साथ है. सरकार जो भी फैसला करेगी हम उनका साथ देंगे.
चीन को दो गुस्ताखी की सजा
राकां नेता और गृहनिर्माण मंत्री जीतेन्द्र आह्वाड ने कहा कि चीन ने देश की सीमा में घुसकर हमारे सैनिकों की हत्या की है. इस गुस्ताखी के लिए चीन को जरुर सबक सिखाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरा देश पीएम नरेंद्र मोदी के साथ है. अब समय आ गया है कि पीएम मोदी भी आक्रामक रुख अपनाते हुए चीन को इसका जवाब दें.
सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि चीन ने हमारी सीमा में घुसकर हमला किया है. इस हमले में हमारे कई जवान शहीद हो गए है. केन्द्र की बीजेपी सरकार को इसका बदला लेने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. इस मुद्दे पर कांग्रेस केंद्र सरकार के साथ खड़ी है.
जज्बात नहीं, कूटनीति से काम लेने की जरुरत
शिवसेना व राकां के नेता भले चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की बात कर रहे हों , लेकिन समाजवादी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष व विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा है कि यह समय जज्बात से नहीं, बल्कि कूटनीति से काम लेने का है. उन्होंने कहा कि जब चीन पर सख्ती बरतनी चाहिए थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति को भारत बुलाकर झूले पर झुलवाया, लेकिन अब दांव उलटा पड़ जाने पर चीन को कोस रहे हैं. उनका मानना है कि वर्तमान में कोरोना संकट की वजह से जो पूरी दुनिया के हालात ख़राब हैं. ऐसे समय में जंग किसी मसले का हल नहीं है. मैं केंद्र सरकार से गुजारिश करूंगा कि वे चीन के खिलाफ कूटनीति का इस्तेमाल करते हुए अन्तराष्ट्रीय स्तर पर घेरने की कोशिश करें.