मुंबई. कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लाॅकडाउन के दौरान कंपनियों के कर्मचारियों के ‘वर्क फ्रॉम होम’ की मीटिंग का साइड इफेक्ट सामने आया है. कंपनियों के कर्मचारियों की मीटिंग जूम एप एवं गुगल मीट जैसे एप पर हो रहे हैं. ऑनलाइन फ्राॅड करने वाले जालसाजों ने इस तरह के जूम एप के डुप्लीकेट एप बना लिए हैं, जिसे धोखे में डाउनलोड हो जाने से लाखों रुपए का चूना लग सकता है.
महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने जूम एप का डुप्लीकेट एप ट्रेस किया है. पुलिस ने नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने वालों को डुप्लीकेट ‘जूम एप’ से सावधान किया. कई ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जिन्होंने डुप्लीकेट ‘जूम एप’ बनाया है. जैसे ही कोई उस एप पर क्लिक करता है, जालसाज मोबाइल में मौजूद उसकी बैंक से जुड़ी डिटेल हैक कर लेता है. इसके अलावा ऑनलाइन मीटिंग की जानकारी भी इससे प्राप्त कर सकता है.
साइबर पुलिस ने किया सावधान
साइबर पुलिस ‘ जूम एप ‘ लोड करने मे सावधानी बरतने के साथ मीटिंग होस्ट को कई महत्पूर्ण बातों पर ध्यान देने की सलाह दी है. मीटिंग की जो आईडी और पासवर्ड मिले उसका ही प्रयोग करें. आईडी और पासवर्ड को खुले मंच या सार्वजनिक ग्रुप पर शेयर करने से बचना चाहिए. जूम एप पर मीटिंग का टाइमिंग निश्चित करें और उसके बाद वह लाॅक हो जाए और उससे दुबारा कोई नहीं जुड़़ सके.