Work on Mumbai first underground metro station started, 95 per cent underground work of Metro-3 completed

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    मुंबई. कुलाबा-बांद्रा (Colaba-Bandra) से सीप्ज तक बन रही मुंबई मेट्रो-3 परियोजना (Mumbai Metro-3 Project) के तहत कफ परेड (Cuff Parade) से सीएसएमटी (CSMT) तक का लगभग 95 प्रतिशत भूमिगत कार्य पूरा कर लिया गया है। बताया गया कि पैकेज एक के तहत कफ- परेड से सीएसएमटी तक लगभग 2.9 किमी तक का अंडरग्राउंड (Underground) डाउनलाइन का काम पूरा हो गया है। सूर्या-2 नामक टनल बोरिंग मशीन की मदद से ऐतिहासिक सीएसएमटी और समुद्र के नजदीक अन्य इमारतों के सामने अंडरग्राउंड काम पूरा किया गया।

    मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के एमडी रणजीत सिंह देओल के अनुसार, पैकेज 1 में कफ परेड, विधानभवन , हुतात्मा चौक और चर्चगेट मेट्रो स्टेशन का समावेश है। यहां भूमिगत मार्ग के 6 चरणों का काम पूरा कर लिया गया है। वैसे पैकेज 1 के तहत 37 चरणों में भूमिगत मार्ग सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए तैयार किया गया।

    स्टेशन के काम की शुरुआत

    बताया गया कि हुतात्मा चौक-सीएसएमटी स्टेशन के काम काम की शुरुआत हो गई है। प्लेटफार्म का लगभग 68 प्रतिशत और कॉनकोर्स लेवल अथार्थ टिकट घर के साथ स्टेशन के छत का काम भी लगभग 90 प्रतिशत हो गया है। अंडरग्राउंड स्टेशन के फिलिंग का काम भी हो रहा है। इस तरह स्टेशन से संबंधित अन्य कार्य भी 74 प्रतिशत तक हो गए हैं ।

    मेट्रो-3 के बारे में

    • कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज तक लगभग 33.50 किमी लंबी मुंबई की यह पहली अंडर ग्राउंड मेट्रो है।
    •  इस मेट्रो मार्ग पर कुल 27 स्टेशन हैं, इनमें 26 स्टेशन अंडर ग्राउंड और 1 स्टेशन जमीन के ऊपर होगा।
    • इस मेट्रो परियोजना की लागत लगभग 30 हजार करोड़ है।
    • यह मेट्रो लाइन वेस्टर्न को सेंट्रल लाइन से सीधे जोड़ेगी।
    • कोरोना व लॉकडाउन के चलते इस बहुद्देश्यीय मेट्रो का काम भी प्रभावित हुआ है, हालांकि अत्याधुनिक मशीनें और रिंगज़ की सहायता से काम हो रहा है।

    दो चरणों में खोलने का लक्ष्य

    मुंबई की पहली अंडर ग्राउंड मेट्रो को दो चरणों में शुरू किए जाने की योजना है। आरे कॉलोनी से बीकेसी तक पहले चरण को दिसंबर 2021 तक शुरू करने का लक्ष्य है, जबकि बीकेसी से कफ परेड तक वर्ष 2022 में इस मेट्रो मार्ग को खोले जाने का लक्ष्य है। अन्य मेट्रो परियोजनाओं की तरह मेट्रो 3 को भी लेबर की कमी का सामना करना पड़ रहा है।