Petition filed in Gujarat court regarding Mumbai-Ahmedabad bullet train project dismissed, court said this...
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    • कुल दूरी : 736 किमी
    • अधिकतम  स्पीड : 320 किमी/घंटा
    • समय की बचत : करीब 50 प्रश

    नागपुर. मुंबई और नागपुर के बीच घोषित हाईस्पीड ट्रेन के लिए जारी लिडार सर्वे बुधवार को पूरा हो गया. 12 मार्च से शुरू हुआ यह सर्वे का अंतिम चरण अकोला से नागपुर के बीच हुआ जो 2.24 घंटे का समय लगा. सुबह 8.32 बजे अकोला से उड़ा सर्वे प्लेन सुबह 10.56 बजे नागपुर में उतरा. उल्लेखनीय है कि इस हाईस्पीड रेल रूट परियोजना को ग्रीनफिल्ड बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कहा जा रहा है. इसमें फिलहाल जारी लिडार सर्वे में मुंबई-नाशिक-शिर्डी-औरंगाबाद-नागपुर और नवी मुंबई-पुणे-सोलापुर-हैदराबाद रूट शामिल हैं. केन्द्र सरकार ने नेशनल हाईस्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएमआरसीएल) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. 

    क्या है लिडार सर्वे

    लिडार सर्वे एक प्रकार का फोटो आधारित हवाई सर्वे है जिसमें किसी जगह की तस्वीरों के माध्यम से परियोजना के तहत हटाये जाने वाले घरों, अधिग्रहण की जाने वाली जमीन समेत नदी-नालों की सटीक संख्या और क्षेत्रफल आदि पता किया जा सकता है. इसके लिए 100 मेगापिक्सल कैमरों का उपयोग किया जाता है जो निर्धारित क्षेत्र के 150 मीटर के आसपास का सटीक डाटा जमा करता है. इसमें परियोजना के लिए किए जाने वाले ग्राउंड सर्वे से काफी कम समय लगता है. आमतौर जमीनी सर्वे रिपोर्ट बनाने में 10 से 12 महीनों का समय लगता है लेकिन लिडार सर्वे तकनीक से यह काम 3 से 4 महीनों में पूरा हो जाता है. 

    • अकोला : 8.32 बजे शुरू
    • नागपुर : 10.56 बजे समाप्त
    • कुल : 2.24 मिनट

    736 किमी का हुआ सर्वे

    मुंबई और नागपुर के बीच प्रस्तावित इस हाईस्पीड रेल रूट की कुल लंबाई 736 किमी रहेगी. ऐसे में 12 मार्च से शुरू हुए सर्वे में 736 किमी की दूरी तय करने में 5 दिन का समय लगा. पहले 3 दिनों में मुंबई से नाशिक, 15 को नशिक से जालना, 16 मार्च को जालना से अकोला और 17 मार्च को अकोला ने नागपुर का सर्वे किया गया. नागपुर से मुंबई के बीच रेल रूट में वर्धा, पुलगाव, कारंजा, मालेगांव, मेहकर, जालना, औरंगाबाद, शिर्डी, नाशिक, इगतपुरी और शाहपुर को जोड़ा जायेगा. 

    3 से 4 महीने में बनेगा DPR

    परियोजना के डिप्टी चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एसएस तोमर ने बताया कि मुंबई से नागपुर के बीच हाईस्पीड ट्रेन के लिए लिडार सर्वे पूरा हो गया है. हमने प्रस्तावित रूट की तस्वीरों को इकट्ठा कर लिया है. अब प्रयोगशाला में इनका अध्ययन करके रूट के आसपास की इमारतों की संख्या, पेड़-पौधों की संख्या, उनकी ऊंचाई के अलावा भूमितल की ऊंचाई-निचाई के साथ नदी-नालों पर जरूरी पुलों की संख्या आदि सभी संबंधित चीजों को एकत्रित करके डीपीआर बनाया जाएगा. इसमें करीब 3 से 4 महीनों का समय लग सकता है. मिली जानकारी के अनुसार एनएचएमआरसीएल को 120 दिनों के भीतर रिपोर्ट बनाकर देनी है ताकि परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के बीच बातचीत हो सके.